गरियबंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले के सुपेबेड़ा (Supebeda) में किडनी की बीमारी से मौतों का सिलसिला जारी है. सुपेबेड़ा (Supebeda) गांव में सरकार की घोषणाएं बेअसर साबित होती नजर आ रही हैं. सरकार तीन साल से लगातार ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करती आ रही है, मगर यहां के हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते ही जा रहे हैं. बीते 15 अक्टूबर को किडनी बीमारी से पीड़ित एक और ग्रामीण अकालू मसरा की मौत (Death) हो गई.
एक आंकड़े के अनुसार पिछले तीन साल में किडनी की बीमारी (Kidney Disease) से पीड़ित सुपेबेड़ा (Supebeda) के 71 लोगों की मौत (Death) हो चुकी है. यही नहीं गांव में 200 से ज्यादा किडनी मरीज बेहतर इलाज के लिए परेशान हैं. बीते सोमवार को अकालू मसरा की किडनी की बीमारी से मौत के बाद गांव में एक बार फिर सन्नाटा पसर गया है. अकालू मसरा के परिजनों ने बताया कि वह कई साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित था. कई निजी अस्पतालों में उसका इलाज भी कराया गया, लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई.
राज्यपाल से शिकायत
सुपेबेड़ा के ग्रामीण बहादुर सिंह मसरा ने बताया कि अकालू के इलाज में परिवार की आधी से ज्यादा जमीन भी बिक चुकी है, लेकिन उसके बावजूद भी उसे बचाया नही जा सका है. इधर महासमुंद संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद चुन्नीलाल साहू ने सुपेबेड़ा के हालात को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से शिकायत की है. चुन्नीलाल साहू ने बताया कि राज्यपाल को सुपेबेड़ा के हालात की पूरी जानकारी दी गई है. जल्द ही राज्यपाल भी वहां दौरे के लिए जा सकती हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि सुपेबेड़ा के हालात को लेकर सरकार गंभीर है. वहां की स्थिति में सुधार के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.