मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय में राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 18वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों के पर्यावरण और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने पर विचार होना चाहिए। श्री कमल नाथ ने वन्य-प्राणी क्षेत्रों के आसपास के रहवासियों और पर्यटन के दृष्टिकोण से समन्वित नीति बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को मिले टाईगर स्टेट के गौरव को पर्यटन के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक रूप से प्रचारित करने के निर्देश दिए। बैठक में तय किया गया कि वन्य-प्राणी क्षेत्रों के संरक्षण तथा विकास आदि पर विचार करने के लिए एक उप समिति बनायी जाएगी, जिसमें विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि हम वन्य-प्राणी क्षेत्रों के विकास और पर्यावण संरक्षण के लिए पूरी सजगता और सतर्कता से काम करें। अगर हमने इसकी अनदेखी की, तो हम आने वाले समय में अपनी इन प्राकृतिक संपदा को गँवा बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय वन उद्यानों के आसपास के रहवासियों को सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बताते हुए कहा कि हमें इनके साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए। इससे हम इन क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगे। श्री कमल नाथ ने लोगों में वन्य-जीवों के प्रति जागरुकता लाने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में मध्यप्रदेश को सर्वाधिक टाईगर का स्टेट होने का गौरव हासिल है। इसका हमें पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करें। सेमिनार के जरिए हम अपने प्रदेश के वन्य क्षेत्रों का आकर्षक तरीके से प्रस्तुतिकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही वन और पर्यटन विभाग मिला-जुला प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने भोपाल में भी राष्ट्रीय उद्यानों के विकास के लिए सम्मेलन करने को कहा, जिसमें देश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों के संचालकों को आमंत्रित कर भविष्य की चुनौतियों की पहचान कर उनके समाधान के संभावित उपायों पर विचार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने वन और वन्य-प्राणी क्षेत्रों का पर्यटन के लिए बेहतर उपयोग किया है। उससे हमें भी सीखना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि वन्य-प्राणी बोर्ड को सार्थक बनाने के लिए इसमें राष्ट्रीय उद्यानों और अन्य बफर जोन को संरक्षित तथा विकसित करने की दृष्टि से विजनरी बोर्ड का स्वरूप दिया जाये। उन्होंने कहा कि बोर्ड में हमें उन मुद्दों पर विचार करना है, जिनसे हम प्रदेश के वन्य क्षेत्रों और वन्य-प्राणी क्षेत्रों का उचित तरीके से विकास कर उन्हें सुरक्षित रख सकें। श्री कमल नाथ ने कहा कि बैठक में तात्कालिक रूप से उठाए जाने वाले मुद्दों और दीर्घकालीन योजनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
बैठक में वन मंत्री श्री उमंग सिंघार, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव वन श्री ए.पी. श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम श्री फैज अहमद किदवई, विधायक श्री संजय उईके, श्री फुन्देलाल सिंह मार्को एवं ऑब्जर्व रिसर्च फाउन्डेशन के श्री रशीद किदवई, वन्य प्राणी विशेषज्ञ श्री वाल्मिक थापर तथा श्री कृष्ण कुमार सिंह सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।