विश्वविद्यालय आर्थिक आत्म-निर्भरता के लिए करें ठोस प्रयास

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राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने आज राजभवन में कुलपतियों की बैठक ली। बैठक में शैक्षणिक कैलेण्डर सहित अन्य गतिविधियों और योजनाओं की समीक्षा की गई। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनने के लिए प्रभावी प्रयास करें। प्रत्येक विश्वविद्यालय कम से कम 100-100 करोड़ रूपये का अंशदान कर विशेष कोष तैयार कर सकता है। इस कोष की राशि का उपयोग विश्वविद्यालय के विकास के लिए किया जा सकता है।

राज्यपाल श्री टंडन ने निर्देश दिये कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक साइन बोर्ड तैयार कराया जाए जिसमें विश्वविद्यालय का इतिहास और संस्थापक का अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। सभी विश्वविद्यालय उनसे जुड़े महाविद्यालयों में अभियान को विद्यार्थियों और जनभागीदारी के साथ संचालित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अध्ययन के बाद स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें, इसके लिए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर भी विश्वविद्यालय विशेष ध्यान दें।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में महात्मा गांधी पीठ और अन्य महापुरूषों के नाम पर शुरू की गई पीठ में किये जा रहे शोध कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि नये-नये विषय पर शोध कर व्यापक रूप से सामाजिक बदलाव लाये जा सकते हैं। विश्वविद्यालयों को महात्मा गांधी की स्वदेशी अर्थ-व्यवस्था पर कार्य करना चाहिये। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय गुणवत्ता में सुधार लाकर देश के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक कैलेण्डर का क्रियान्वयन निर्धारित समय में किया जाना सुनिश्चित करना होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में लायब्रेरी, प्रयोगशाला, सोलर सिस्टम, रेन वॉटर हार्वेटिंग और कूड़ा प्रबंधन की उचित व्यवस्था की भी समीक्षा की।

प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा श्री हरिरंजन राव ने विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष पहल किये जाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में जल्द ही एक्जॉम कंट्रोलर की नियुक्ति की जा रही है। प्रमुख सचिव ने विश्वविद्यालयों में खाली पदों और उन पर भर्ती की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालयों में पौधा-रोपण के कार्य को व्यापक रूप में संचालित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने की स्थिति की जानकारी ली।

बैठक में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति सुश्री रेणु जैन, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बालकृष्ण शर्मा और बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.जे. राव ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों में किये जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों की जानकारी दी।