दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल (Naxal) आरोप में जेलो में बंद निर्दोष आदिवासियों (Tribal) की रिहाई को लेकर दंतेवाड़ा (Dantewada) में चल रहा आंदोलन समाप्त हो गया है. पिछले पांच दिनों से बड़ी संख्या में ग्रामीण आदिवासी आंदोलन कर रहे थे. इसके बाद बीते बुधवार की शाम को आंदोलनकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चर्चा हुई. चर्चा में तय हुआ कि आगामी 22 अक्टूबर को जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में आदिवासियों की 30 सदस्यीय एक टीम सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से मुलाकात करेगी.
बीजापुर (Bijapur) विधायक विक्रम शाह मंडावी और दंतेवाड़ा (Dantewda) विधायक देवती कर्मा के साथ आंदोलनकारियों की हुई वार्ता सफल रही. इनके बीच सहमति बनी की 22 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के समक्ष कमेटी अपनी मांगों को रखेगी. इस कमेटी में 30 सदस्य शामिल रहेंगे. विक्रम मंडावी ने ग्रामीणों की मांगों को पुरजोर तरीके से रखने की बात कही. विक्रम ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. किसी भी आंदोलन को रोकना बिल्कुल नहीं चाहिए. बातचीत से ही समाधान होगा. जेलो में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के लिए आंदोलनकारियों ने कहा है. हमारी सरकार इसके लिए प्रयासरत है और इनकी बातो को कमेटी गठित कर मुख्यमंत्री से मिलवाएंगे जल्द समाधान निकलेगा.
पुलिस का दबाव
आंदोलन का नेतृत्व कर रही सोनी सोढ़ी के मुताबिक आंदोलन के लिए भी ग्रामीणों को पुलिस का दबाव झेलना पड़ रहा है. ग्रामीणों की लड़ाई में जनप्रतिनिधियों को आखिर आना ही पड़ा. 4 जिलो की 30 लोगो की टीम मुख्यमंत्री से 22 तारीख को मुलाकात करेगी और जेलो में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के साथ साथ एक और कमेटी बनाने की मांग करेगी, जिसमे साल में 2 बार वो कमेटी जेलों में बंद लोगों को जा कर देखने का अधिकार हो. बता दें कि आंदोलन में शामिल होने दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा से कई किलोमीटर पैदल सफर कर ग्रामीण पहुंचे थे. आंदोलन खत्म होने के बाद बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने उन्हें वापस लौटने के लिए वाहनों की व्यवस्था करवाई.