रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई की है. रायपुर के एमजीएम अस्पताल की मान्यता सरकार ने रद्द कर दी है. बकायदा शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है. साथ ही अस्पताल को सरकार की तरफ से मिलने वाले सभी अनुदानों को भी बंद कर दिया गया है. अस्पताल की मान्यता रद्द (Validation Canceled) होने के साथ ही निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. बताया जा रहा है कि मुकेश गुप्ता इस अस्पताल के ट्रस्टी हैं. ईओडब्लू (EOW) को फोन टैपिंग मामले की जांच के दौरान निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता (Mukesh Gupta) से जुड़ी अहम जानकारी मिली थी. कहा जा रहा था कि एमजीएम हॉस्पीटल के जरिए बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन किया गया था. इसके बाद अब सरकार ने अस्पताल की मान्यता को समाप्त कर दिया है.
सरकार ने दिया ये आदेश
राजधानी रायपुर के बड़े अस्पतालों में से एक एमजीएम आई हॉस्पीटल पर सरकार ने कार्रवाई की है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल से जुड़े मिकी मेमोरियल ट्रस्ट और एमजीएम अस्पताल की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया गया है. ये आदेश संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं से जारी किया गया है. आदेश में कहा गया है कि इन संस्थाओं को मिलने वाले सरकारी अनुदान भी रोक दी गई हैं.
अस्पताल के जरिए लेनदेन का आरोप
जानकारी के मुताबिक, शासन ने निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ लगे मनी लांड्रिंग के आरोप की जांच की जिम्मेदारी ईओडब्लू को सौंपी थी. बताया जा रहा है कि ईओडब्लू को फोन टैपिंग मामले की जांच के दौरान एमजीएम अस्पताल से बड़े पैमाने में पैसों के लेनदेन की जानकारी मिली थी. कहा जा रहा था कि मुकेश गुप्ता ने अपनी बेहीसाब संपत्ति को एमजीएम अस्पताल में इस्तेमाल किया था.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा
एमजीएम अस्पताल की मान्यता रद्द करने के बाद सूबे में हलचल मच गई. बता दें कि बीजेपी शासन के दौरान एमजीएम अस्पताल को सरकारी अनुदान देने की व्यवस्था बनाई गई थी. इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि प्रशासनिक कार्रवाई की गई है. अगर गलती हुई है तो कार्रवाई भी होगी.