इस तरह का अनाउंसमेंट आपको 4 से 5 महीने में इंदौर में सुनाई दे सकता है। मेट्रो के ट्रायल रन के बीच कमर्शियल रन शुरू होगा। यानी, मध्यप्रदेश की पहली मेट्रो भोपाल की जगह इंदौर में पहले दौड़ेगी। यहां मेट्रो का 5Km रूट तैयार है। CMRS (कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी) को रिपोर्ट सबमिट हो रही है। दिल्ली से टीम यहां पहुंचकर इंस्पेक्शन करेगी। ओके होते ही इंदौर में लोग मेट्रो में सफर करने लगेंगे। नवंबर-दिसंबर तक टीम इंदौर पहुंच सकती है। दो से तीन दिन तक टीम रुक कर हर पैमाने पर जांच करेगी। लोगों की सेफ्टी से जुड़ा मामला होने की वजह से टीम ट्रैक के नट-बोल्ट तक चेक करती है। अगले एक से दो महीने में हरी झंडी मिलने के आसार हैं। मार्च-अप्रैल 2025 में इंदौर में मेट्रो दौड़ सकती है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने आ सकते हैं।
इंदौर का प्लस पॉइंट
इंदौर में गांधीनगर से एयरपोर्ट तक मेट्रो का 31.46 किमी लंबा रूट है। इसमें से 5 किमी का रूट (गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर-3 तक) को प्रायोरिटी के रूप में रखा गया है। इस हिस्से में काम भी पूरा हो गया है। 5 स्टेशन- गांधीनगर, सुपर कॉरिडोर-6, 5, 4 और 3 भी बन चुके हैं। इस रूट पर ट्रायल रन किया जा रहा है। यह हिस्सा इंदौर की तुलना में कम है। यहां कोई काम भी बाकी नहीं है। इसलिए भोपाल की बजाय इंदौर में पहले कमर्शियल रन करने पर फोकस है।
भोपाल का माइनस पॉइंट
भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 6.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था। सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरा, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन के काम तेजी से चल रहे हैं।
रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज भी लॉन्च कर दिए गए हैं। पहले सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशनों के बीच ही मेट्रो को चलाने का प्लान था, लेकिन अब यह पूरे 6.22 किमी में दौड़ेगी। चूंकि, अभी स्टेशन में काम बाकी है। इसलिए इसे प्रायोरिटी में न लेते हुए इंदौर में पहले मेट्रो दौड़ाने का प्लान तैयार किया गया।