शुरुआत से ही दांतों की सही देखभाल रखने से उनकी हालत जिंदगी भर ठीक रहती है। दांत ही जीवन भर खाने का सही आनंद दिलाते हैं। यदि इनका सही ख्याल नहीं रखेंगे तो ये समय पूर्व साथ छोड़ देते हैं। बचपन से ही दांतों के प्रति सावधानी आवश्यक है। नियमित देखभाल से इन्हें और भी मजबूती दी जा सकती है। दांतों के बनने की प्रक्रिया गर्भावस्था से ही आरंभ हो जाती है। गर्भवती महिला उस अवस्था में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की सही मात्रा लेगी, तभी बच्चे की हड्डियां सही विकसित होंगी और अच्छे दांत निकलेंगे। दांत निकलने का प्रारंभिक समय:- दूध के दांत छह माह की उम्र में ही निकलने लगते हैं। इनकी संख्या बीस होती है जो 2 से 3 वर्ष की उम्र तक धीरे-धीरे निकलते रहते हैं। ये 4 से 5 वर्ष की उम्र में गिरने लगते हैं एवं इसके स्थान पर पक्के दांत आते हैं।
यह प्रक्रिया सामान्यत: 12 से 13 वर्ष की उम्र तक चलती है। प्रारंभिक समय की समस्या:- बच्चों के जब दांत उगते हैं, तब उनके सामने कई समस्याएं आती हैं। मसूड़ों में दर्द और सूजन से ये चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को टीदिंग रिंग जैसी चीजें चबाने के लिए देनी चाहिएं। साफ उंगली से इनके मसूड़ों की मालिश करते रहनी चाहिए। यदि ये स्वस्थ रहेंगे, तभी पक्के दांतों की नींव मजबूत रहेगी। दूध के दांत शीघ्र गिर जाने पर वह स्थान आसपास के दांतों के खिसकने से भर जाएगा और पक्के दांतों के उगने के लिए स्थान न मिलने पर दांत आड़े-तिरछे उगने की संभावना रहती है। बच्चे को दर्द की अवस्था में कभी भी किसी भी प्रकार की दर्द निवारक दवा उसके मसूड़ों पर नहीं रगडऩी चाहिए।
बच्चा इसे निगल भी सकता है। बुखार को नजर अंदाज न करें क्योंकि दांत निकलने से बुखार नहीं आता। बुखार होने पर बच्चे को चिकित्सक के पास ले जाएं। जब दांत निकल रहें हों, उस दौरान बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसके मसूड़ों को साफ करना चाहिए।
इसके लिए कुनकुना पानी और कपास या गाज पीस उपयुक्त होता है। बच्चे को छोटे व कोमल ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए। दो वर्ष का होने तक उसे टूथपेस्ट न दें। फिर छह साल की उम्र तक मात्र मटर के दाने बराबर पेस्ट दें।
छह वर्ष की उम्र तक बच्चे सही दांत साफ नहीं कर पाते, अतएव उसे सिखाते रहना चाहिए। ब्रश कैसे करना है यह समझाना चाहिए। ब्रश कैसे करें:- दांत के अंदर एवं बाहरी भाग को साफ करने के लिए ब्रश को 45 अंश झुकाकर मसूड़े की लाइन पर रखकर नीचे से ऊपर की ओर साफ करना चाहिए। जीभ को टंग क्लीनर से साफ किया जा सकता है।
सोने से पूर्व भी दांत साफ करना जरुरी होता है। बच्चे के ब्रश को हर दो माह में बदलना चाहिए। छोटे एवं नर्म ब्रश का प्रयोग करना चाहिए। टूथपेस्ट फ्लोराइड युक्त उपयोग करना चाहिए।
यदि बच्चा टुथ ब्रश चबाता है तो दूसरा ब्रश ब्रशिंग के लिए रखना चाहिए। कभी भी बच्चे को दूध पीकर या रस पीकर बिना ब्रश किए नहीं सुलाना चाहिए। कब जाएं डाक्टर के पास:- बच्चे के जब दांत निकलने आरंभ हों तो उसे हर छह माह बाद नियमित चेक कराना चाहिए। इससे वह भावी समस्या से सुरक्षित रहेगा।