दोष सिद्ध अधिकारियों, कर्मचारियों की पेंशन से वसूली जाए शासकीय राशि

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सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अधीन मामलों के निराकरण के लिए गठित स्थाई समिति की बैठक संपन्न हुई। डॉ. गोविंद सिंह ने निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार, गबन और अन्य आर्थिक अनियमितताओं में दोष सिद्ध हो चुके सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन से नियमानुसार शासन की राशि की वसूली की जाए। उन्होंने कहा कि दोषमुक्त हुए अधिकारी-कर्मचारी की पेंशन नहीं रोकी जाए और ना ही उसमें कोई कटौती की जाए।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री हुकुम सिंह कराड़ा ने दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन नियमानुसार रोके जाने अथवा आंशिक कटौती करने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री श्री तरुण भनोट तथा कृषि मंत्री श्री सचिन यादव ने भी विभागीय प्रमुख सचिवों को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए।
समिति संयोजक अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री के.के. सिंह ने प्रकरणों की जानकारी दी। प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा द्वारा प्रस्तुत 8 प्रकरणों की समीक्षा के बाद 6 प्रकरणों में संबंधितों की आंशिक पेंशन रोके जाने तथा 2 प्रकरणों में पेंशन नहीं रोके जाने का निर्णय लिया गया। प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी  द्वारा प्रस्तुत सहकारिता विभाग के सेवानिवृत्ति  के बाद के तीन प्रकरणों में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई। जल-संसाधन विभाग के तीन प्रकरणों में दोषी सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन से संपूर्ण शासकीय राशि वसूल किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही एक प्रकरण में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई तथा एक प्रकरण में दोषी पाए गए 20 विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की संपूर्ण पेंशन स्थाई रूप से रोके जाने का निर्णय लिया गया। संबंधित ठेकेदारों को भी 3 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये गये।