आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और लोकायुक्त के बाद आयकर विभाग के अफसरों ने पूछताछ की। बीते एक सप्ताह में आईटी की टीम ने 6 बार सौरभ और उसके सहयोगी शरद और चेतन से पूछताछ की है। 17 फरवरी को ईडी ने तीनों को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें 3 मार्च मतलब 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। आज उनका ज्यूडिशियल रिमांड खत्म हो रहा है। जेल सूत्रों की माने तो तीनों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से पेशी कराई जा सकती है।
सौरभ टीम को करता रहा गुमराह जेल सूत्रों की माने तो सौरभ लगातार आयकर विभाग की टीम को गुमराह करता रहा। सोमवार से शनिवार के बीच आईटी की टीम ने लगातार 6 दिनों तक तीनों आरोपियों से पूछताछ की। लेकिन कैश और सोने से भरी कार से तीनों ने किसी भी तरह का लेना देना होने से साफ इनकार किया है।
इससे पहले, लोकायुक्त और ईडी की टीम ने भी उनसे पूछताछ की, इन दोनों एजेंसियों को भी इन सवालों का जवाब नहीं मिला है।
कोर्ट ने दी थी पूछताछ की मंजूरी आयकर विभाग के आवेदन पर 13 फरवरी को न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने अफसरों से पूछा था कि सौरभ से पूछताछ करने कौन-कौन जाएगा? इसके बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। 15 फरवरी को कोर्ट ने बगैर लिस्ट के पूछताछ की मंजूरी दे दी थी।
कार मालिक ने सौरभ का लिया था नाम आयकर विभाग के अफसरों ने इनोवा कार के मालिक चेतन सिंह गौर से पूछताछ की थी। उसने पूछताछ में बताया था कि कार उसके नाम से है। लेकिन उसका उपयोग सौरभ शर्मा करता है। चेतन ने कई अन्य जानकारियां भी दी। इसके बाद से आयकर विभाग के अफसरों को सौरभ से पूछताछ का इंतजार था।