इंद्रपुरी में डॉक्टर के घर-अस्पताल व NLIU में सौरभ की मौसेरी बहन के घर ईडी का छापा

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा व उनके करीबियों पर फिर कार्रवाई की है। शुक्रवार सुबह ईडी ने भोपाल ग्वालियर में 7 ठिकानों पर छापेमारी की। इंद्रपुरी में एक डॉक्टर के घर- अस्पताल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर कार्रवाई की। सौरभ की मौसेरी बहन के सरकारी आवास पर भी छापा मारा। ग्वालियर में फर्म एंड सोसायटी के रिटायर्ड सब-रजिस्ट्रार केके अरोरा के यहां कार्रवाई की।

सौरभ की मौसेरी बहन एसोसिएट प्रोफेसर है

मरीजों के बीच प्रॉपर्टी और निवेश के दस्तावेज खंगाले ईडी ने सुबह 7:30 बजे इंद्रपुरी स्थित नवोदय कैंसर अस्पताल और डायरेक्टर डॉ. श्याम अग्रवाल के घर पर छापेमारी की। दो टीमें पहुंचीं, जिनमें से एक टीम डॉ. अग्रवाल के बी-91 आवास और दूसरी टीम अस्पताल गई। अस्पताल में मरीजों की मौजूदगी के बीच प्रॉपर्टी और निवेश से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए।

विनय पर सोना-नकदी लदी कार ले जाने का आरोप टीम सुबह नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवसिर्टी (एनएलआईयू) परिसर में एसोसिएट प्रोफेसर कृति राजौरिया के शासकीय आवास पर पहुंची। कृति सौरभ शर्मा की मौसेरी बहन हैं। उनके पति विनय हसवानी पर 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी से लदी कार को मेंडोरी प्लॉट तक ले जाने का आरोप है।

सौरभ और उसके सहयोगियों के छापेमारी के बाद मिली थी लिंक

 ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर और रोहित तिवारी के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की।

जांच में चेतन सिंह गौर की छह करोड़ रुपए की एफडी, सौरभ के परिजनों के बैंक खातों में चार करोड़ से अधिक और 23 करोड़ की अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। दस्तावेजों से सौरभ के रिश्तेदारों, जैसे विनय हसवानी, कृति राजौरिया, डॉ. श्याम अग्रवाल और ग्वालियर में केके अरोरा की लिंक सामने आई।

सौरभ की अग्रिम जमानत के लिए फिर लगेगी याचिका

 मप्र लोकायुक्त पुलिस, आयकर विभाग और ईडी की जांच के बीच सौरभ शर्मा ने फिर से अग्रिम जमानत याचिका की तैयारी शुरू की है। उनके वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने इसकी पुष्टि की।

शुक्रवार को मीडिया में सौरभ और परिवार को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की खबरें चर्चा में रहीं। कहा जा रहा है कि सौरभ केवल मोहरा है, जबकि नेता और अधिकारी भी मामले में शामिल हैं। वकील ने सौरभ के संपर्क में होने और पत्र जारी होने से इनकार किया।