भोपाल। दुनिया भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए फरवरी-2025 को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करने के अभियान पर निकले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को यूके (लंदन) के रोड-शो में उद्योगपतियों के इंटरैक्टिव सेशन को संबोधित किया। उन्होंने उद्योगपतियों को बताया कि प्रदेश का लैंड बैंक देश के सबसे बड़े लैंड बैंकों में से एक है। मध्य प्रदेश में निवेश नीतियां स्पष्ट और निवेशकों के लिए अनुकूल हैं। खनन एवं कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है।
द्विपक्षीय संबंधों पर जोर
यूके रोड शो में “इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश” विषय पर हुए इन्टरैक्टिव सेशन में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा आपदाओं के बाद भी भारत और इंग्लैंड के संबंधों में निरंतरता है क्योंकि लोकतंत्र की हमारी साझी विरासत है। विदेश में निकलने से पहले हमने राज्य की स्थितियों को सुधारा और देश भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने का अभियान चलाया। परिणामस्वरूप प्रदेश में हजारों करोड़ का निवेश संभव हुआ।
निवेशकों का सकारात्मक रुख
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि स्टील किंग के नाम से जाने जाने वाले उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल ने भी मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश में निवेश के खुले अवसरों की सरहाना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि यूके के एक भारतवंशी रीयल एस्टेट कारोबारी ने मध्यप्रदेश में सेमीकंडक्टर चिप उद्योग शुरू करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की मंशा जाहिर की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यूके के भारतवंशी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में रोज़गार की उम्मीदें बढ़ेंगीं, आपका व्यवसाय बढ़ेगा और आप हमेशा के लिए प्रदेश के सहयोगी बनेंगे।
मप्र में निवेश की अपार संभावना
भारत के उच्चायुक्त विक्रम के दोराईस्वामी ने कहा कि भारत में अब सिर्फ केंद्रीय प्रशासन ही नहीं, राज्य भी उद्योग मित्र नीतियां बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ईज आफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से देश के टाॅप-5 राज्यों में शामिल है। दोराईस्वामी ने कहा कि मध्य प्रदेश देश के मध्य में स्थित है, इसलिए यहां उद्योग स्थापित करने पर उत्पादों को देश-दुनिया में आसानी से भेजा जा सकता है।
बढ़िया माहौल
अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश में वायब्रेन्ट टेक इको सिस्टम राज्य सरकार आईटी में निवेश के लिये सहायता प्रदान करती है। मध्यप्रदेश की आईटी/आईटीएस एवं ईएसडीएम नीति-2023 एवं स्टार्टअप नीति से इन क्षेत्रों में उद्यमियों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं।
हम एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्टस, गेमिंग और कॉमिक्स) नीति तैयार कर रहे हैं। प्रदेश में 1200 से अधिक आईटी स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 2 यूनिकॉर्न बन गये हैं। राज्य में प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर है। उन्होंने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में रेन्टल भुगतान की कीमत बहुत कम है। मध्यप्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और एक्यूआई स्तर देश के अन्य शहरों की तुलना में बहुत कम है।
आधातभूत सुविधाएं पर्याप्त
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश अपनी भौगोलिक, प्राकृतिक और आर्थिक क्षमताओं के चलते निवेश के लिए एक आदर्श स्थल है। प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा भूभाग (308 हजार वर्ग किमी), 77.5 हजार वर्ग किमी का विशाल वन क्षेत्र और हीरे, तांबे तथा मैंगनीज अयस्क जैसे खनिज संसाधनों की प्रचुरता है।
मप्र पावर सरप्लस राज्य है, यहां 31 गीगावाट विद्युत उत्पादन होता है। यहां किफायती दरों पर बिजली आपूर्ति की जाती है। प्रदेश में इन सब आधारभूत सुविधाओं से उद्योग को आसानी से स्थापित और संचालित किया जा सकता है।