बिना परमिशन के काट दी कॉलोनी, अब होगी FIR:भोपाल में 70 अवैध कॉलोनी लिस्टेड

0
8

भोपाल में अवैध कॉलोनी काटने वालों पर अब FIR होगी। करीब 70 कॉलोनियां लिस्टेड की गई हैं। कुछ दिन पहले कॉलोनाइजरों को नोटिस दिए गए थे। अब कलेक्टर कोर्ट से आदेश होने शुरू हो गए हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, अवैध कॉलोनी काटने वालों पर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।

भोपाल के रातीबड़, नीलबड़, रोलूखेड़ी, कानासैय्या, कालापानी, पचामा, पिपलिया बरखेड़ी, अमरावदकलां, शोभापुर, थुआखेड़ा, छावनी पठार समेत कई इलाकों में कॉलोनियां हैं। बैरसिया रोड, सेवनिया ओंकारा, कोलुआ खुर्द, हथाईखेड़ा, रायसेन रोड, बिशनखेड़ी, कलखेड़ा, करोंद, बैरागढ़, भौंरी आदि इलाकों में भी कॉलोनियां काट दी गई हैं।

सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां हुजूर तहसील के छावनी पठार में विकसित हुई है। इन्हीं कॉलोनियों को काटने वालों पर अब जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करने के मूड में है।

इसलिए कार्रवाई कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों के संबंध में जानकारी जुटाई थी। इसमें 60 से 70 कॉलोनियां ऐसी मिलीं, जो बिना परमिशन, डायवर्सन, कॉलोनाइजर लाइसेंस, टीएंडसीपी अप्रूवल के डेवलप हो रही थी। पहले संबंधित कॉलोनाइजर्स को नोटिस देकर जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद उनसे मय जरूरी दस्तावेज के जवाब मांगा गया था।

कलेक्टर कोर्ट से निकलने लगे आदेश

नोटिस का जवाब मिलने के बाद कलेक्टर कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है। अब तक एक दर्जन प्रकरण की सुनवाई पूरी हो चुकी है। इन्हीं मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा दो साल में करीब दो दर्जन पुराने मामलों पर भी सुनवाई की जाएगी।

सांसद भी उठा चुके मुद्दा

कुछ दिन पहले भोपाल सांसद आलोक शर्मा भी अवैध कॉलोनी का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग अवैध कॉलोनी काट रहे हैं और जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी। कई कॉलोनाइजर अपने ड्राइवर और प्यून के नाम से जमीन ले लेते हैं। इससे वे बच जाते हैं। ऐसे मामलों की जांच भी कराएंगे।

6 साल पहले भी हो चुकी कार्रवाई

भोपाल में करीब छह वर्ष पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। तत्कालीन कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ने अवैध कॉलोनियों में नामांतरण करने पर रोक लगाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री वाले प्लाट का नामांतरण करने का आदेश दिया। जिसके बाद से नामांतरण शुरू कर दिए गए थे।