1990 तक बांग्लादेश में क्रिकेट दूसरा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खेल था। फुटबॉल पहले नंबर पर था। वहां की क्रिकेट टीम 1996 तक एसोसिएट देशों में भी टॉप पर नहीं थी, लेकिन इसके 4 साल बाद ही बांग्लादेश को टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिल गया।
2000 के दौरान एसोसिएट देशों में केन्या का दावा बांग्लादेश से मजबूत था, लेकिन केन्या को टेस्ट का दर्जा नहीं मिल सका। अब 2024 में केन्या का क्रिकेट पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है, जबकि बांग्लादेश टीम न्यूजीलैंड और पाकिस्तान जैसे देशों को हराकर आज से भारत के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने उतर रही है।
स्टोरी में 5 बातें जानेंगे
- बांग्लादेश को कैसे मिला टेस्ट खेलने का दर्जा
- इंग्लैंड ने क्यों नहीं खेला बांग्लादेश से पहला टेस्ट
- बांग्लादेश की टेस्ट क्रिकेट में बड़ी उपलब्धियां
- भारत और बड़ी टीमों के खिलाफ टीम का रिकॉर्ड
- भारत-बांग्लादेश के पहले डे-नाइट टेस्ट की कहानी
1996 में देखा टेस्ट क्रिकेट का सपना
1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद बांग्लादेश अलग देश बना। 1986 में बांग्लादेश ने वनडे क्रिकेट खेलना शुरू किया, लेकिन अगले 10 साल देश कुछ खास नहीं कर सका। एसोसिएट देशों के बीच होने वाली ICC ट्रॉफी में टीम केन्या, आयरलैंड और स्कॉटलैंड जैसी टीमों से भी जीत नहीं पा रही थी।
1996 में साबेर हुसैन चौधरी बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के प्रेसिडेंट बने। उन्होंने देश को टेस्ट क्रिकेट का दर्जा दिलाने का जिम्मा उठा लिया। 1997 में टीम ने भी परफॉर्म किया और केन्या को हराकर ICC ट्रॉफी जीत ली। जिसके चलते बांग्लादेश को वनडे टीम का दर्जा भी मिल गया और उन्होंने 1999 वनडे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर लिया।
2 टूर्नामेंट होस्ट किए, डालमिया को मनाया
वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करने के बाद साबेर हुसैन ने 1998 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी ली। देश ने फिर एशियन टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी होस्ट किया। दोनों मेजबानी ICC के प्रेसिडेंट जगमोहन डालमिया की वजह से मिलीं। साबेर ने फिर डालमिया से बांग्लादेश को टेस्ट क्रिकेट का दर्जा दिलाने की बात भी की।
डालमिया भी बांग्लादेश क्रिकेट का विकास चाह रहे थे। बंगाल से ही होने के कारण डालमिया का रुझान बांग्लादेश की ओर कुछ ज्यादा था। साबेर ने फिर डालमिया के सपोर्ट से ICC मीटिंग में वोटिंग कराई कि उन्हें टेस्ट स्टेटस मिलना चाहिए या नहीं। बांग्लादेश को 3 ही वोट की उम्मीद थी, लेकिन भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज ने भी उन्हें सपोर्ट कर दिया।
45 मिनट प्रेजेंटेशन के बाद मिला टेस्ट स्टेटस
26 जून 2000 को ICC की एनुअल मीटिंग हुई, यहां साबेर हुसैन को उनका पक्ष रखने का मौका मिला। उन्होंने 45 मिनट की प्रेजेंटेशन दी और बताया कि बांग्लादेश को टेस्ट खेलने का दर्जा क्यों मिलना चाहिए। साबेर को इस बार 7 वोट की उम्मीद थी, लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने भी उनके सपोर्ट में वोट किया और बांग्लादेश को सभी 9 वोट मिल गए।
इंग्लैंड ने मना किया तो भारत ने खेला मुकाबला
ICC मेंबर्स के वोट की मदद से 26 जून को ही बांग्लादेश को टेस्ट टीम का दर्जा मिल गया। साबेर हुसैन ने जरा भी देर नहीं की और इंग्लैंड को बांग्लादेश में टेस्ट खेलने का न्योता दे दिया। इंग्लैंड ने बिजी शेड्यूल के कारण बांग्लादेश का ऑफर ठुकरा दिया। जिसके बाद भारत ने टेस्ट खेलने के लिए हां कर दिया।
गांगुली दौर की शुरुआत बांग्लादेश से ही हुई
भारतीय क्रिकेट टीम में 2000 के दौरान करप्शन हावी था। कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के आरोप सिद्ध हुए, जिस कारण उन्हें टीम से निकाल दिया गया। 4 साल पहले इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले युवा सौरव गांगुली को कप्तान बनाया गया। उन्होंने नवंबर 2000 में बांग्लादेश के खिलाफ ही पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर कप्तानी की।
गांगुली की कप्तानी में भारत ने बांग्लादेश को आसानी से 9 विकेट से टेस्ट हरा दिया। दोनों पारियों में 8 विकेट लेने वाले स्पिनर सुनील जोशी प्लेयर ऑफ द मैच रहे। उन्होंने बैटिंग करते हुए 92 रन भी बनाए थे। बांग्लादेश पहला मैच जीत नहीं सका, लेकिन टीम ने अपने शानदार करियर का आगाज कर दिया।
श्रीलंका से सबसे ज्यादा खेले, जिम्बाब्वे को सबसे ज्यादा हराया
बांग्लादेश ने अब तक 144 टेस्ट खेल लिए हैं, टीम को इस दौरान 21 में जीत और 105 में हार मिली। टीम ने श्रीलंका के खिलाफ सबसे ज्यादा 26 टेस्ट खेले, लेकिन सबसे ज्यादा 20 मुकाबले गंवाए भी। टीम ने जिम्बाब्वे को सबसे ज्यादा 8 टेस्ट हराए। टीम वेस्टइंडीज को भी 4 टेस्ट हरा चुकी है। भारत और साउथ अफ्रीका के खिलाफ बांग्लादेश को अब तक जीत नहीं मिली।
ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड को हरा चुके टेस्ट
बांग्लादेश को पहली टेस्ट जीत दर्ज करने में 5 साल लग गए, टीम ने 2005 में जिम्बाब्वे को हराया। 2009 में टीम ने इतिहास रचा और वेस्टइंडीज में 2-0 से टेस्ट सीरीज जीत ली। यह टेस्ट में टीम की पहली बड़ी कामयाबी रही। बांग्लादेश ने यहां से अपने घरेलू मैदान पर स्पिन की मदद से मजबूत पकड़ बनाना शुरू किया।
2016 में बांग्लादेश ने इंग्लैंड को 108 रन से हराया। फिर 2017 में श्रीलंका को उन्हीं के घर जाकर हरा दिया। टीम ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया को भी मीरपुर में 20 रन से टेस्ट हराया। टीम ने फिर 2022 में न्यूजीलैंड जाकर होम टीम को 8 विकेट से हराया और SENA देशों में पहली टेस्ट जीत दर्ज की।
2023 में बांग्लादेश ने फिर न्यूजीलैंड को अपने घरेलू मैदान पर भी हराया। अब 2024 में टीम ने पाकिस्तान जाकर 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती और इतिहास रच दिया। यह पाकिस्तान पर बांग्लादेश की पहली ही टेस्ट जीत रही। टीम के कप्तान नजमुल हुसैन शांतो ने कहा है कि अब उनकी टीम का पूरा फोकस भारत को टेस्ट हराने पर है।