100 जर्जर सड़कों के लिए 20 करोड़ का बजट रखा, पर काम शुरू होने में लग जाएंगे 6 महीने

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भोपालवासियों को अभी चार से छह महीने और सड़कों के गड्ढों से राहत नहीं मिलेगी। इसकी वजह सड़क निर्माण के लिए की जाने वाली कागजी कार्रवाई में लगने वाला समय है। आलम ये है कि अगर किसी सड़क की फाइल आज स्वीकृत होती है तब भी टेंडर जारी होने के बाद टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड खुलने, टेंडर कमेटी और वर्क ऑर्डर जारी होने तक की कागजी कार्रवाई पूरी होने में 4-6 महीने का वक्त लगता है।

यही वजह है कि इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई है। लेकिन, सिर्फ फाइल अप्रूवल तक ही इसे ऑनलाइन मूव कराया जाता है। इसके बाद फाइल को ऑफलाइन मोड पर ला दिया जाता है। ऐसे में कौन सी फाइल किस टेबल पर कितने दिन रुकी रही, यह पता नहीं चलता है। इसी कारण फाइलाें का मूवमेंट धीमा रहता है। निगमायुक्त हरेंद्र नारायण का कहना है कि बारिश के बाद सड़कें को पहली प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाना है। इसके लिए 20 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

अभी यह हाल: शहर की 70% से ज्यादा सड़कों पर गड्ढे हो चुके
बारिश के चलते 70% से ज्यादा सड़कों पर गड्ढे हो चुके हैं। सबसे बुरी हालत शहर की प्रमुख सड़कों की है। जिम्मेदार ए​जेंसियां पैचवर्क भी कर रही हैं लेकिन गड्‌ढे नहीं भर पा रहे। उल्टा पैचवर्क में इस्तेमाल गिट्टी और रेत बारिश के पानी के साथ उखड़कर सड़कों पर फैलने से परेशानी और बढ़ गई है।

निगम का दावा: 15 अक्टूबर तक शुरू होगा 100 सड़कों का निर्माण
नगर निगम ने 100 अतिजर्जर सड़कों को चिह्नित किया है। दावा है कि 15 अक्टूबर तक इन सड़कों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। 17 अगस्त को टेंडर जारी हुआ जो 17 सितंबर तक ओपन है। इसके बाद एक महीने में यानी 15 अक्टूबर तक वर्क ऑर्डर जारी होने है। इसके साथ ही सड़कों का काम शुरू हो पाएगा

उलझी हैं 65 फाइल

सड़क निर्माण के लिए अलग-अलग जोन के 65 टेंडर एक महीने से खोले ही नहीं गए हैं। 47 टेंडर 29 जुलाई को, 7 टेंडर 1 अगस्त और 11 टेंडर 7 अगस्त को खोले जाने चाहिए थे। लेकिन एक भी टेंडर की अब तक टेक्निकल बिड ही नहीं खोली गई है।

ऐसे उलझती हैं सड़क निर्माण की फाइलें

सड़क निर्माण की फाइल स्वीकृति में 15 दिन लगते हैं।
टेंडर जारी कर बिड डालने के लिए एक माह देते हैं।
बिड डाले जाने पर टेक्निकल बिड खुलने में एक महीना लगता है।
फिर फाइनेंशियल बि​ड में एक महीना लगता है।
इसके बाद टेंडर कमेटी में भी एक महीना लगता है।
वर्क ऑर्डर जारी होने में 15 दिन लगते है।
कमिश्नर बोले- गड्‌ढे भरे तो दिखते क्यों नहीं
खस्ताहाल सड़कों को लेकर पीडब्ल्यूडी की हर जगह किरकिरी हो रही है। खराब सड़कों को लेकर बुधवार को संभागायुक्त संजीव सिंह ने मीटिंग ली। इसमें पीडब्ल्यूडी के अधिकरियों ने कहा कि गड्‌ढे भर दिए गए हैं। यह सुनते ही सिंह बोले- तो यह सड़क पर क्यों नजर नहीं आ रहा है। अभी भी तो गड्‌ढे ही गड्‌ढे दिख रहे हैं। अगली मीटिंग में पूरी जानकारी के साथ आएं। मुझे सड़कों के गड्‌ढों की पूरी रिपोर्ट चाहिए।