अलवर: राजस्थान में अलवर में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने सेंट्रल जेल में कार्यरत एक नर्सिंग कर्मी को अरेस्ट किया है, जो कैदियों को नशीले पदार्थ और मोबाइल फोन की आपूर्ति करता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी नर्सिंग कर्मी मनीष यादव जेल की डिस्पेंसरी में काम करता था। पुलिस के अनुसार यादव कैदियों को प्रतिबंधित सामान सप्लाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। मनीष यादव के पास से 3 मोबाइल फोन, 64 ग्राम गांजा, 83 बीड़ी बंडल, 10 पुड़िया गुटखा और जर्दा, और 4 कुबेर तंबाकू के बंडल बरामद हुए हैं। यह घटना जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर एक सवालिया निशान खड़ा करती है। जेल के अंदर इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में प्रशासन की विफलता चिंता का विषय है।
पहले भी सामने आ चुकी है जेल में प्रतिबंधित सामग्रियां
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी नर्सिंग कर्मी से पूछताछ कर रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या इस रैकेट में और लोग भी शामिल हैं। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी से पूछताछ में जेल के अंदर चल रहे इस गैरकानूनी नेटवर्क के बारे में और जानकारी मिलेगी। यह घटना पहली बार नहीं हुई है जब जेल के अंदर से नशीले पदार्थ और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
पुलिस पूरे मामले की जांच में है जुटी
इस मामले में सीओ सिटी नारायण सिंह ने बताया कि, ‘लैब टेक्नीशियन मनीष कुमार यादव दवाइयां की सिसियो के अंदर यह मादक पदार्थ और इलेक्ट्रॉनिक सामान मोबाइल जैसी चीजों को छुपा कर जेल के अंदर कैदियों तक पहुंचाने का काम करता था।’ जेल में 4 ग्राम गांजे की कीमत लगभग 3000 रुपये है। यह बाजार मूल्य से लगभग 20 गुना ज्यादा है। इसी तरह, एक बीड़ी बंडल की कीमत 1000 रुपये है। छोटे मोबाइल फोन 20,000 रुपये में बेचे जाते हैं। कुबेर तंबाकू की एक पुड़िया की कीमत 300 से 500 रुपये के बीच होती है। इस घटना से जेल कर्मचारियों और कैदियों के बीच साठगांठ का पता चला है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।