उत्तराखंड में केमिकल डिवाइस के साथ पकड़ाए भोपाल के युवकों से पूछताछ में नया खुलासा हुआ है। आरोपियों ने ये डिवाइस यूपी के एक शख्स से 11 महीने पहले 5 लाख में खरीदी थी। आरोपियों ने इस डिवाइस को बेचने के लिए 2 करोड़ में डील की थी।
पुलिस ने इस मामले में भोपाल के जैद अली और अभिषेक जैन के अलावा तीन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। आरोपियों को उत्तराखंड में देहरादून पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी राजपुर क्षेत्र में आयकर विभाग के एक पूर्व अधिकारी के आवास से की गई थी। पुलिस ने पूर्व आयकर अधिकारी को भी आरोपी बनाया है।
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में केमिकल की जांच
इधर, बरामद डिवाइस पर निर्माता का नाम बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, बीएआरसी/बीआरआईटी, वाशी काम्प्लेक्स सेक्टर 20, नवी मुंबई लिखा था। इस वजह से डिवाइस को जांच के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भेजा गया।
जिसकी जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डिवाइस में बिना किसी मापदंड के केमिकल का उपयोग किया है। इसे देखते हुए पुलिस ने आरोपियों पर धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ा दी हैं। बरामद डिवाइस का इस्तेमाल मेडिकल फील्ड और बड़ी पाइप लाइन में लीकेज चेक करने में किया जाता है।
यूपी के शख्स ने सस्ते में बेची थी ये डिवाइस
पुलिस पूछताछ में आरोपी तबरेज आलम ने बताया कि 11 माह पहले यूपी के सहारनपुर निवासी राशिद उर्फ समीर से यह डिवाइस पांच लाख रुपए में खरीदी थी, जो काफी महंगी है, लेकिन राशिद को पैसों की जरूरत होने के कारण उसने सस्ते में बेच दिया।
इसे खरीदने के बाद मैंने उसे अपने फार्म में छिपाकर रख दिया, और बेचने की कोशिश में लग गया। इसी दौरान दिल्ली में लव मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने आगरा निवासी सुमित पाठक से पहचान कराई।
सुमित डिवाइस खरीदने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद उसने सौदा करने के लिए दून में अपने किराये के मकान में बुलाया। मकान को सुमित ने पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी श्वेताभ सुमन से किराये पर लिया था।
सुमित ने मकान मालिक श्वेताभ सुमन को इस सौदे के बारे में बताया तो श्वेताभ ने सुमित पाठक को भरोसा दिलाया कि वह काफी प्रभावशाली है। उसके घर पुलिस नहीं आ सकती। इसके बाद मैं अपनी गाड़ी से डिवाइस को लेकर दून पहुंच गया।
सरवर ने जैद और अभिषेक को भोपाल से बुलाया
तबरेज ने इस दौरान अपने और सुमित के परिचित सरवर हुसैन को सौदा करने के लिए बुलाया। सरवर अपने साथ जैद अली और अभिषेक जैन को लेकर दून पहुंच गया। डिवाइस के इस सौदे में इन सभी का हिस्सा होना था। पांच लाख में खरीदी गई डिवाइस को 2 करोड़ में बेचने की बातचीत हुई थी।
अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक चलता तो सभी को अच्छी रकम नकद में मिलनी थी। सरवर, जैद और अभिषेक को इस रकम को सहारनपुर तक सही सलामत पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी। इसके एवज में उन्हें 20-20 लाख रुपए मिलने थे।
पांचों आरोपी जेल भेजे गए
पुलिस ने गिरफ्तार किए पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में मौके से सुमित पाठक निवासी बी-8 विजय नगर आगरा, तबरेज आलम निवासी थाना बेहट सहानपुर, सरवर हुसैन निवासी थाना रनोला नई दिल्ली, जैद अली निवासी थाना जहांगीराबाद भोपाल, अभिषेक जैन भानपुर भोपाल को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस ने 2 अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
डिवाइस में किया गलत तरीके से केमिकल का उपयोग
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जांच में रेडियो एक्टिव मटेरियल (RAM) में तरल पदार्थ होने की बात सामने आई है। डिवाइस में केमिकल की जांच भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर ने की। जिसमें जांच टीम ने बिना किसी मापदंड के डिवाइस में गलत तरीके से केमिकल का उपयोग किए जाने की रिपोर्ट दी है।
डिवाइस के साथ ही रेडियोग्राफी कैमरा भी मिला है। पुलिस ने आरोपी सुमित पाठक, तबरेज आलम, सरवर हुसैन, जैद अली और अभिषेक जैन के खिलाफ धाराएं बढ़ाई है। केस में पूर्व आयकर अधिकारी को भी नामजद किया गया है।
मेडिकल फील्ड में होता है इस्तेमाल
बरामद हुए RAM (रेडियो एक्टिव मटेरियल) डिवाइस पर मुंबई की भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर की मुहर लगी है। RAM का इस्तेमाल मेडिकल फील्ड और बड़ी पाइप लाइन में लीकेज चेक करने में किया जाता है। रेडियो एक्टिव डिवाइस आम लोगों के हाथों में आना मुश्किल है, ऐसे में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि संवेदनशील डिवाइस आम लोगों तक कैसे पहुंचा। इस बात की भी जांच की जा रही है।