लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने और मप्र का बजट आने से पहले सीएम ने मंगलवार शाम ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विधायकों के साथ CM हाउस में बैठक की। सीएम ने पहले विधायकों के साथ सामूहिक बैठक कर उनसे समस्याएं पूछीं। विधायकों द्वारा बताई गई समस्याओं के समाधान खोजने के लिए सीएम ने फिर अफसरों से विधायकों के सामने ही चर्चा की। विधायकों की समस्याओं पर अफसरों ने जवाब दिए। इसके बाद फिर सीएम ने विधायकों के साथ वन-टू-वन चर्चा की।
विधायक बोले-सरपंच विरोधी है तो काम ठीक नहीं करेगा, हम विभागीय एजेंसी से कराना चाहते हैं
सीएम के साथ हुई बैठक में विधायकों ने कहा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के पहले हमें 15-15 करोड़ रुपए का फंड दिया गया था। लेकिन, आचार संहिता के कारण ज्यादातर फंड खर्च नहीं हो पाया। कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां का सरपंच हमारा विरोधी है तो वह काम ठीक नहीं करेगा। कुछ पंचायतों में सरपंच, सचिव दोनों ही काम के मामले में ठीक नहीं हैं। ऐसे में हमें जो 15 करोड का फंड मिला है उसमें से जहां काम शुरु नहीं हुए हैं वहां निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के बजाए विभाग जैसे PWD, RES,जल संसाधन को कर दिया जाए। सीएम ने विधायकों की बात सुनकर सहमति देते हुए कहा कि विधायक जैसे में सहमत होंगे वैसे फंड का उपयोग कराकर विकास के काम कराए जाएंगे।
विधायकों को ऑफिस के लिए मिलेंगे 5 लाख, सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुडेंगे
सीएम ने विधायकों को अपना हाईटेक ऑफिस तैयार करने के लिए 5 लाख रूपए देने की भी बात कही है। सीएम ने कहा कि विधायकों का ऑफिस सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा रहेगा। विधायकों को भोपाल तक बार-बार आने की जरूरत नहीं पडे़गी। आप लोगों के ऑफिस से मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी बात आसानी से पहुंचाकर समाधान करा सकेंगे।
इलाज के लिए आर्थिक मदद के प्रस्ताव ऑनलाइन भेजें, CMO से मिलेगी मंजूरी
बैठक में शामिल हुए विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि आपके क्षेत्र में यदि किसी गंभीर बीमार व्यक्ति के उपचार के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता है तो आपको या उस बीमार के परिवार को भोपाल तक आने की जरूरत नहीं हैं। विधायक गण ऑनलाइन बीमारी सहायता के प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेंगे तो बिना भोपाल आए आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। सीएम ने यह भी कहा कि बीमारी सहायता के इस्टीमेट देने में कुछेक अस्पतालों द्वारा प्राक्कलन बीमारी के अनुमानित खर्च से बढ़ा-चढ़ाकर भेजे जा रहे हैं। बीमारी सहायता के प्रकरणों की जांच कर त्वरित सहायता मुहैया कराने के लिए एक चिकित्सक को मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात किया है जो प्रकरणों की जांच कर राशि स्वीकृत कराएंगे।
हर साल मिलेंगे 15 करोड
सीएम ने बैठक में कहा कि विधायकों को विधायक निधि के अलावा क्षेत्र के विकास कार्याें के लिए 15 करोड रुपए हर साल दिए जाएंगे। कलेक्टर विधायकों के साथ बैठक कर उनके प्रस्तावों के अनुसार फंड स्वीकृत करेंगे।
सीएम ने विधायकों से ये भी कहा
राज्य सरकार गौ-शालाओं के संचालन के लिए प्रति गाय 40 रुपए की राशि प्रतिदिन के मान से उपलब्ध कराएगी। गौ-शालाएं अच्छी तरह चलें। स्वस्थ्य पशु अपने घरों में रखें, लावारिस और अपाहिज गौ-वंश को गौशालाओं में जरूर रखा जाए। गौ-शाला संचालन का जनता के बीच अच्छा संदेश जाए। अपनी विधान सभा के लिए लीडर के रूप में अपनी छबि बनाएं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में बंद पड़ी नल- जल योजनाओं को चालू किया जाए। कोई भी योजना बंद न रहे। गांव में पीने के पानी की समस्या न हो।
अपनी विधानसभा में स्वेच्छानुदान राशि से नि:शुल्क चश्में बांटने का काम हो।
रक्षाबंधन पर अभियान चला कर बहनों से राखी बंधवाएं। जन्माष्टमी पर भी जनता से जुड़े रहने के लिए लड्डू गोपाल बटवाएं। स्कूल आंगनबाड़ी में जाएं।
अस्पताल और स्कूलों की मानिटरिंग कर देख लें कि कहीं भी अतिक्रमण न हो।
बंटवारा, नामांतरण और सीमांकन का अभियान चलाकर कार्य हो।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
बिजली को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर फुके हुए हैं। बिजली कटौती भी परेशानी का सबब बन रही है।
राजस्व के ऐसे प्रकरणों में जिनमें भूमि खसरा नंबर बदल गए हैं इन प्रकरणों की फाइल कलेक्टर तक मंजूरी के लिए जाती है इस व्यवस्था को बदलकर ऐसे मामलों को एसडीएम के स्तर पर समाधान कराया जाए।
बैठक में सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री राकेश शुक्ला, नरेन्द्र सिंह कुशवाह(भिंड), मोहन सिंह राठौर (भितरवार), प्रीतम लोधी (पिछोर), महेन्द्र यादव (कोलारस), देवेन्द्र जैन(शिवपुरी), बृजेन्द्र सिंह यादव(मुंगावली), अमरीश शर्मा (लहार) मौजूद थे।