दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार सुबह CBI ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। CBI ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश किया था, जहां सुनवाई के दौरान उनका शुगर लेवल गिर गया। केजरीवाल की बिगड़ती तबीयत को देखकर सुनवाई रोक दी गई और उन्हें अलग रूम में शिफ्ट किया गया।
CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल से पूछताछ की थी। इससे पहले, शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। वे पिछले 87 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। हालांकि वे 10 मई से 2 जून यानी 21 दिन के लिए पैरोल पर थे।
नए मामले में गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका वापस ले ली है। लोअर कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 20 जून को उन्हें जमानत दे दी थी। ED इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची। 25 जून को हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला पलट दिया। इसके खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका लगाएंगे
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को CBI ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 25 जून को लोअर कोर्ट के जमानत देने के आदेश को पलट दिया है। अब हम हाईकोर्ट के 25 जून के ऑर्डर के खिलाफ नई याचिका लगाएंगे। इसलिए मौजूदा याचिका को अब वापस लाना चाहते हैं।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ED के वकील SV राजू की सहमति के बाद याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।
ED-CBI का आरोप- AAP ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की
CBI और ED ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर अगस्त 2022 में केस दर्ज किए थे। दिल्ली शराब नीति मामले में ED और CBI का आरोप है कि केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली शराब नीति में हेरफेर करने के लिए साउथ ग्रुप के मेंबर्स से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। AAP ने घोटाले के रुपयों का एक हिस्सा 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल किया था। इस तरह AAP ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया।
साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का ग्रुप है। इसमें अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत रेड्डी, YSRCP के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे। इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था। तीनों ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
CBI ने ही सिसोदिया को पिछले साल गिरफ्तार किया था
दिल्ली शराब नीति केस में CBI ने ही 26 फरवरी, 2023 को दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ED ने 9 मार्च, 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो गई।
AAP बोली- ये जुर्म, अत्याचार और ज्यादती की इंतेहा
आम आदमी पार्टी (AAP) का आरोप है कि 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई से पहले केंद्र सरकार CBI के साथ मिलकर उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार करवाने की साजिश रच रही है।
AAP सांसद संजय सिंह ने मंगलवार (25 जून) की रात X पर वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘जुर्म, अत्याचार और ज्यादती की इंतेहा हो गई है। कल (26 जून) को जब सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को जमानत मिलने की पूरी संभावना है, इससे पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने CBI के अधिकारियों के साथ मिलकर बड़ी साजिश रची है।
ये साजिश है केजरीवाल के खिलाफ CBI का फर्जी मुकदमा तैयार करके उन्हें गिरफ्तार करने का। पूरा देश भाजपा की चाल, उनका जुर्म और अत्याचार देख रहा है। इस देश के अंदर किसी को कैसे न्याय मिलेगा, अगर इसी तरह झूठे मुकदमे लगाकर केजरीवाल को जेल में रखने, उनकी राजनीति खत्म करने और AAP को खत्म करने के उद्देश्य से ऐसी कार्रवाई की जाएगी।’
लोकसभा चुनाव के दौरान 21 दिनों की अंतरिम जमानत मिली थी
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल इसी दिन जेल से बाहर आए। उन्होंने 1 जून तक चुनाव प्रचार के बाद 2 जून की शाम 5 बजे तिहाड़ में सरेंडर किया था। फिलहाल, वे 3 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं।