भाजपा को 400 पार सीटें संविधान बदलने के लिए चाहिए, 400 छोड़िए उन्हें तो 150 सीटें भी नही मिलेंगी : राहुल गांधी*
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी जी जोबट (अलीराजपुर) में 5 तारीख को कांग्रेस प्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया जी के समर्थन में विशाल जनसभा में शामिल हुए इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी जी की सेगांव (खरगोन) में कांग्रेस प्रत्याशी श्री पोरलाल खरते जी के समर्थन में विशाल जनसभा में शामिल हुए।
जनसभा को संबोधित करते हुए श्री गांधी ने कहा कि यह चुनाव संविधान बचाने का चुनाव है, हिंदुस्तान के संविधान को बीजेपी और आरएसएस खत्म करना चाहते हैं, बदलना चाहते हैं, फेंक देना चाहते हैं और कांग्रेस पार्टी एवं इंडिया गठबंधन संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जो भी हिंदुस्तान के आदिवासियों को, दलितों को, पिछड़ों को मिला है वह सब संविधान की बदौलत मिला है, आपके जल, जमीन और जंगल का जो हक है वह सारा का सारा इस संविधान की बदौलत मिला है।
श्री गांधी ने कहा कि पब्लिक सेक्टर, शिक्षा एवं स्वास्थ्य उसमें जो आरक्षण जो एससी, एसटी एवं ओबीसी को मिलता है वह संविधान के कारण मिलता है, भाजपा के नेताओं ने कहा है कि उसे 400 पार सीटें संविधान को बदलने के लिए चाहिए परंतु 400 छोड़िए उन्हें तो 150 सीटें भी नही मिलेंगी। इनके अलग-अलग नेता कहते हैं कि हम दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों से आरक्षण छीन लेंगे, मैं आपसे कहना चाहता हूं आरक्षण को छीनने की बात तो छोड़िए हम तो उसकी सीमा भी 50% से बढ़ा देंगे इनको जो करना है कर लें और गरीबों को, दलितों को, पिछड़ों को जितने आरक्षण की ज़रूरत है वह हम देने जा रहे हैं। यह जो टीवी वाले हैं कभी बॉलीवुड की शादी दिखा देंगे, कभी कोई और अन्य कार्यक्रम दिखा देंगे, कभी उद्योगपति के बेटे की शादी दिखा देंगे परंतु आपके आदिवासियों की बच्चियों से बलात्कार होता है, आपकी जमीन छीनी जाती है, ऐसी खबरें नहीं दिखाई जाती, इसका कारण यह है कि मीडिया में तथा बड़ी-बड़ी कंपनियों में एक भी आदिवासी,दलित अथवा पिछड़े वर्ग का व्यक्ति आपको बड़े पद पर नहीं मिलेगा।
श्री गांधी ने कहा कि हम आपको आदिवासी कहते हैं, आदिवासी का अर्थ है इस जमीन के सबसे पहले मालिक, हमने आपको जमीन अधिग्रहण बिल दिया, फॉरेस्ट राइट एक्ट दिया, पेसा कानून दिया और अन्य अधिकार दिए परंतु जैसे ही इनकी सरकार आती है उन सब अधिकारों को कमजोर किया जाता है। केंद्र सरकार के 90 सबसे बड़े अफसर में एक भी आदिवासी नहीं, तीन ओबीसी से हैं जबकि उनकी 50% आबादी है, तीन एससी से हैं जो कि 15% आबादी है, ना आप बड़े मीडिया संस्थान चलाते दिखते हैं, ना बड़ी यूनिवर्सिटी चलाते दिखते हैं, ना बड़े कॉलेज चलाते दिखते, ना बड़े अस्पताल चलाते, ऐसा लगता है कि आपकी कोई भागीदारी ही नहीं है। हम इस व्यवस्था को बदलना चाहते हैं हम चाहते हैं बड़े-बड़े मीडिया संस्थान में आपके लोग हों, बड़े-बड़े कॉलेज, प्राइवेट यूनिवर्सिटी में आपके लोग हों, बड़े-बड़े उद्योगों में आपके लोग हों, सरकार में आपके लोग हों तथा हर जगह आपका प्रतिनिधित्व हो। इसके लिए हमने निर्णय लिया है कि हम जाति आधारित जनगणना करेंगे जिससे कि आपकी आबादी तथा बड़े-बड़े संस्थानों में आपकी भागीदारी कितनी है इसका डाटा मिल पाएगा। यह क्रांतिकारी काम है इसे हम करने जा रहे हैं।