पाकिस्तानी मूल के नेता सादिक खान ने लंदन के मेयर पद का चुनाव जीत लिया है। उन्होंने रिकॉर्ड तीसरी बार लंदन के मेयर पद के लिए चुनावों में जीत दर्ज की है। इससे पहले वे 2016 और 2021 में लंदन के मेयर पद का चुनाव जीत चुके हैं।
खान ने अपनी प्रतिद्वंदी और कंजर्वेटिव पार्टी की नेता सूजैन हॉल को 2. 5 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। चुनाव जीतने के बाद सादिक खान ने लंदन की जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि वे लंदन को बेहतर ,सुरक्षित और हरियाली वाला शहर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
लंदन के मेयर पद के लिए 13 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। इसमें भारतीय मूल के तरुण गुलाटी भी थे। गुलाटी को चुनावों में करीब 24 हजार वोट मिले हैं। वे वोट के मामले में 13 उम्मीदवारों में 10वें स्थान पर रहे।
‘लंदन की सेवा करना सम्मान की बात’
सादिक खान ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों का धन्यवाद किया है। खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “शुक्रिया लंदन। जिस शहर से मैं प्यार करता हूं, उसकी सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। लेकिन आज का दिन इतिहास बनाने के बारे में नहीं है। ये हमारे भविष्य को आकार देने के बारे में है। मैं हर लंदनवासी के लिए एक सुरक्षित, निष्पक्ष और हरा भरा लंदन बनाने की कोशिश करूंगा।”
सादिक खान ने चुनाव जीतने के बाद अपने भाषण में विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने मुश्किल भर रहे हैं। हमारे खिलाफ नॉन- स्टॉप नैगिटेव कैंपेन चलाया गया। लेकिन हमने हार नहीं मानी और एकजुट होकर प्रयासों का जवाब दिया। लंदन एक ऐसा शहर है , जो विविधता को कमजोरी नहीं, बल्कि एक ताकत मानता है।
लंदन के पहले मुस्लिम मेयर सादिक खान
1970 में जन्मे सादिक खान लंदन के पहले मुस्लिम मेयर है। वे मूल रूप से पाकिस्तानी है। उनके पिता पाकिस्तान में ड्राइवर का काम करते थे। वे कुछ समय बाद इंग्लैंड आ गए। 24 साल की उम्र तक उन्होंने बेहद गरीब हालात में जिंदगी जी। पिता रेड बस चलाते थे। लेकिन पॉलिटिक्स में शुरुआत से ही उनकी रुचि थी।
15 साल की उम्र में वे लेबर पार्टी से जुड़ गए थे। करियर की शुरुआत ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट के रूप में की। 2005 में वे पहली बार लेबर पार्टी से सांसद बने। 2016 में उन्होंने पहली बार लंदन के मेयर पद का चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीते।
सादिक खान को मोदी विरोधी कहा जाता है। वे कई बार मोदी विरोधी बयान भी दे चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब लंदन यात्रा पर थे, तो सादिक खान उनकी अगुआई करने भी नहीं पहुंचे थे।
सादिक फिलिस्तीन मुद्दे पर नाराजगी झेल रहे थे
इजराइल- फिलिस्तीन जंग के बीच दुनियाभर में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसे लेकर लंदन में भी कई मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। लेकिन सादिक खान इस मुद्दे पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचते रहे। ऐसे में माना जा रहा था कि खान को मेयर चुनावों में मुस्लिमों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन मुस्लिम आबादी ने उन्हें भारी संख्या में वोट दिया। जिस कारण वे मेयर चुनावों में विजयी रहे।
लंदन के अलावा लेबर पार्टी ने देश के अलग अलग हिस्सों में बड़ी जीत हासिल की है। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी को सीटों का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। ब्रिटेन में साल के अंत में चुनाव होने है। ऐसे में लोकल चुनावों में हार ऋषि सुनक की पार्टी के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। लोकल चुनावों के रिजल्ट को लोगों का मूड समझा जा रहा है।