ट्रूडो बोले-निज्जर की हत्या के बाद सिख असुरक्षित थे:जांच 3 गिरफ्तारियों तक सीमित नहीं

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में 3 भारतीयों की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रविवार को कहा, ‘हत्याकांड की जांच तीन भारतीयों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, यह अभी भी जारी है।’

ओन्टारियो में सिख फाउंडेशन ऑफ कनाडा के कार्यक्रम में ट्रूडो ने तीनों गिरफ्तारियों को स्वीकार करते कहा, ‘कनाडा कानून का पालन करने वाला देश है। निज्जर की हत्या के बाद कनाडा में रहने वाले सिख समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे। यहां हर शख्स को भेदभाव और हिंसा से सुरक्षित रहने का मौलिक अधिकार मिला हुआ है।’

उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कटक में कहा कि विदेश में हमारे दूतावासों को धमकियां मिलती हैं। अभी हमारी सबसे बड़ी समस्या कनाडा है। वहां की सरकार ने अपने देश में अलगाववाद और हिंसा का समर्थन करने वालों को अभिव्यक्ति की आजादी दे दी है। दुनिया एकतरफा नहीं है, अगर कुछ होता है तो उसका विरोध होगा। न्यूटन का नियम वहां भी लागू होगा।

इससे पहले निज्जर केस में भारत का कनेक्शन होने के कनाडा के दावे पर जयशंकर ने शनिवार को कहा था- भारत पर आरोप लगाना कनाडा की राजनीतिक मजबूरी है। वहां अगले साल चुनाव होने हैं, इसलिए देश में वोट बैंक की राजनीति चल रही है। इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है।

जयशंकर बोले- ट्रूडो की पार्टी के पास समर्थन नहीं है

विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा में भारत के खिलाफ काम करने वाले लोगों को पनाह दी जाती है। खासकर जो लोग पंजाब से हैं, वे कनाडा से ऑपरेट करते हैं। खालिस्तान समर्थक लोग कनाडा के लोकतंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे आज कनाडा का वोट बैंक बन गए हैं। कनाडा में सत्ताधारी पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है। ऐसे में कई पार्टियां सत्ता में आने के लिए खालिस्तानी समर्थकों पर निर्भर हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, “हमने कई बार कनाडा से कहा है कि ऐसे लोगों को वीजा न दें, उन्हें देश की राजनीति में शामिल न करें। वे लोग कनाडा, भारत और दोनों देशों के रिश्तों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए कुछ नहीं किया। भारत ने खालिस्तान समर्थक 25 लोगों को भारत प्रत्यर्पित करने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने यह भी नहीं माना।

कनाडा पुलिस का दावा- हत्या में गिरफ्तार हुए तीनों भारतीयों ने अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं

कनाडाई पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, निज्जर की हत्या को अंजाम देने में तीनों आरोपियों ने अलग-अलग भूमिका निभाई। इनमें से एक पर निज्जर की लोकेशन पता करने की जिम्मेदारी थी। दूसरा आरोपी ड्राइवर था और तीसरे ने उस पर गोली चलाने का काम किया।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तीनों आरोपियों के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग से भी संपर्क हैं। ये सभी 2021 में टेंपरेरी वीजा लेकर कनाडा गए थे। इन पर फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि बाकी आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

18 जून को हुई थी घटना, PM ट्रूडो ने इसके 3 महीने बाद भारत पर आरोप लगाए थे

18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था।

मामले में एक्शन लेते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि बाद में ट्रूडो ने कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।

90 सेकेंड में दिया था वारदात को अंजाम

द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीनों पहले इस हत्याकांड से जुड़ा 90 सेकेंड का एक CCTV फुटेज जारी किया गया था। इसमें निज्जर ग्रे पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर निकलता दिखाई दिया था।

इसके बाद हमलावर सिख गेटअप में आते हैं। उन्होंने 2 कारों से निज्जर के पिकअप ट्रक का काफी समय तक पीछा किया था। कुछ देर में हत्यारों की कार ट्रक के सामने आ गई। इस पर निज्जर ने ट्रक रोक दिया। इसके बाद कार से 2 लोग काली स्वेटशर्ट पहनकर बाहर निकले। उन्होंने निज्जर पर काफी देर तक गोलियां चलाईं और फिर कार में बैठकर फरार हो गए।

पुलिस को दो युवकों ने बयान भी दिए थे, जो घटना के वक्त पास ही एक ग्राउंड में खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों के मुंह ढंके हुए थे। उन्होंने निज्जर पर ऑटोमेटिक वेपन से करीब 50 राउंड फायर किए और फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, निज्जर के शरीर पर करीब 34 गोलियां लगी थीं।

भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को निकाला था
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।

कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा, जो उसने अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अलग-अलग मंचों से कई बार ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है।

एक आरोपी सिख गेटअप में और दूसरा विदेशी था
युवकों ने पुलिस को बताया कि गोलियां चलाने वाला एक आरोपी सिख गेटअप में आया था। वहीं, दूसरा व्यक्ति विदेशी लग रहा था। सिख युवक के सिर पर पगड़ी थी। उसने हुडी और पाजामा पहना हुआ था। उसके चेहरे पर छोटी दाढ़ी थी। चेहरा ढका हुआ था। कद पांच फीट से ज्यादा था।

कुछ महीनों पहले कनाडा की पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने निज्जर के मामले में आरोपियों की पहचान कर ली है, और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिस पर पूरा बवाल मचा

    • पंजाब के जालंधर जिले में एक गांव है भार सिंह पूरा। 11 अक्टूबर 1977 को यहीं पर हरदीप सिंह निज्जर का जन्म हुआ। 1984 में निज्जर सिर्फ 7 साल का था, जब देश में दो बड़ी घटनाएं हुईं…
    • 1. ऑपरेशन ब्लू स्टार 2. इंदिरा गांधी की हत्या।
    • इन दोनों ही घटनाओं का असर पंजाब के हर गांव में हुआ। इस समय राज्य में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था। 12 से 15 साल के लड़के खालिस्तान आंदोलन से जुड़ रहे थे। इसी उम्र में हरदीप सिंह निज्जर भी इससे जुड़ गया।
    • जल्द ही निज्जर की पहचान चरमपंथी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स, यानी KTF के एक एक्टिव मेंबर के रूप में होने लगी। धीरे-धीरे वह इस संगठन का मास्टरमाइंड बन गया था। 1995 में पंजाब पुलिस पूरे राज्य में खालिस्तानी उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। इस समय निज्जर की भी गिरफ्तारी हुई।
    • जेल से निकलते ही वह कनाडा भागने की तैयारी में लग गया। कनाडा के अखबार टोरंटो सन की रिपोर्ट के मुताबिक 1997 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के टारगेट पर आने के बाद निज्जर ने देश छोड़ा। 9 जून 1998 को इमिग्रेशन आवेदन में निज्जर ने अपने कनाडा पहुंचने के बारे में बताया है।
    • निज्जर ने आवेदन में बताया था कि भारत में गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसके साथ मारपीट हुई और उसे प्रताड़ित किया गया। इसके बाद मौका मिलते ही रवि शर्मा के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट के सहारे वह कनाडा पहुंच गया। निज्जर के दोस्त और खालिस्तान के समर्थक गुरप्रीत सिंह पन्नू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआत में निज्जर के आवेदन को खारिज कर दिया गया।
    • इसके ठीक 11 दिन बाद निज्जर ने कनाडा की महिला से शादी कर ली। इसके बाद उसकी पत्नी ने निज्जर के वीजा के लिए आवेदन किया। इस आवेदन में पूछा गया था कि क्या वह किसी सशस्त्र संघर्ष या हिंसा से जुड़े रहने वाले राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संगठनों का हिस्सा रहा है?
    • जवाब में उसकी पत्नी ने नहीं लिखा था। हालांकि, इस बार भी उसके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया।
    • कनाडा की नागरिकता पाने के लिए निज्जर ने वहां की अदालतों का रुख किया, लेकिन 2001 में कोर्ट ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया। हालांकि, बाद में निज्जर को नागरिकता कैसे मिली, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है।