इंडोनेशिया के माउंट रुआंग में मंगलवार को ज्वालामुखी फटा। विस्फोट के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों ने अगले आदेश तक एयरपोर्ट बंद रखने के निर्देश दिए है।
रुआंग के आसपास के क्षेत्र में रह रहे 11 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है। साथ ही पांच किलोमीटर की दूरी तक किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। विस्फोट के बाद चारों ओर अंधेरा छा गया। उसके बाद बिजली चमकी और भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए।
14 दिन में छठवीं बार ज्वालामुखी फटा है। 16 और 30 अप्रैल को एक-एक, 17 अप्रैल को 4 बार ज्वालामुखी फटा। 16 अप्रैल की रात 9:45 मिनट पर ज्वालामुखी में पहला विस्फोट हुआ था। कतर की मीडिया अलजजीरा के मुताबिक, माउंट रुआंग पर 17 अप्रैल को ज्वालामुखी में 4 बार विस्फोट हुआ था। इसकी वजह से हजारों फीट ऊंचा लावा उठा और राख फैल गई।
इससे पहले 1871 में इंडोनेशिया में अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था।
2 भूकंप की वजह से ज्वालामुखी फटा
इंडोनेशिया में आपदा केंद्र अलर्ट मोड पर है। डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों का कहना है कि माउंट रुआंग के पास हाल ही में 2 भूकंप आए थे। इसकी वजह से टेक्टोनिक प्लेट्स अस्थिर हो गईं, जो ज्वालामुखी फटने का कारण बनीं।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 20 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया की वोल्कैनो एजेंसी ने खतरे को देखते हुए लेवल 4 की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा ज्वालामुखी के पास के 6 किमी क्षेत्र को एक्सक्लूजिव जोन घोषित किया गया है।
इंडोनेशिया में 120 एक्टिव वोल्कैनो
इंडोनेशिया के जियोलॉजिकल एजेंसी के अध्यक्ष ने बताया, “रुआंग ज्वाल्मुखी फटने के बाद आसमान में 2 किमी की ऊंचाई तक राख का गुबार उठा। दूसरे विस्फोट के बाद यह ऊंचाई 2.5 किमी हो गई।” अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया ‘रिंग ऑफ फायर’ के क्षेत्र में आता है। यहां पैसेफिक महासागर के करीब हॉर्स-शू के शेप की टेक्टॉनिक फॉल्ट लाइन्स हैं। देश में 120 एक्टिव वोल्कैनो मौजूद हैं।
ज्वालामुखी क्या होता है?
ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है।