भोपाल
5/4/2024
हम आप अभी तक किसी भी शहर में कचरे के ऊंचे पहाड़. या कचरे से पटा पड़ा बहुत बड़ा इलाका देखते आए है और उससे होने वाले ख़राब प्रदुषण को जानते आये हैं.ये कचरा डंप बड़ी मात्रा में मीथेन निकालते हैं.
मगर अब अमेरिका में हुई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि ये कचरा डंप बड़ी मात्रा में मीथेन तो निकालते ही हैं. पर इसी मीथेन की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग और शहरों के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है.
कार्बन मैपर नाम की संस्था के वैज्ञानिकों का कहना है कि मीथेन का उत्सर्जन आम तौर पर तेल और गैस कारखानों से होता हैं मगर साइट्स में पड़े जैविक पदार्थ से भी मीथेन का उत्सर्जन होता है.यह स्टडी अमेरिका के 1200 कचरा डंप पर की गई है.
अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ़
एरिज़ोना के वैज्ञानिकों के साइंस जर्नल में पिछले दिनों प्रकाशित शोध के मुताबिक कचरे के पहाड़ शहर से लेकर देश दुनिया में जलवायु परिवर्तन कर रहे हैं।
शोध के मुख्य लेखक डेनियल एच कस्वर्थ का कहना हैं कि डपिंग साइट्स के कारण आस पास का इलाका प्रदूषित रहता हैं. साइट्स में पड़े जैविक पदार्थ से मीथेन का उत्सर्जन होता है.
अभी तक कचरा डंप को लेकर इस तरह की स्टडी नहीं की गई थी.
कार्बन डॉईऑक्साइड की तरह ही मीथेन भी एक प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है. इसकी वजह से दुनिया गर्म हो रही है.
मीथेन आसमान में एक अदृश्य लेयर बना देता है, जिससे सूरज की गर्मी वायुमंडल से बाहर नहीं निकलती. इसकी वजह से गर्मी बढ़ जाती है.
मीथेन वायुमंडल में कम समय के लिए ही रुकता है, लेकिन कार्बन डाईऑक्साइड से 80 गुना ज्यादा गर्मी रोकता है. इतनी गर्मी रोकने CO2 को 20 साल लग जाते.
कचरा डंप में आग का नजारा अक्सर देखने को मिलता है. दरअसल, कचरा डंप के अंदर भी भारी मात्रा में मीथेन जमा रहती है, जिसकी वजह से आग लगने का खतरा बढ़ा रहता है. ये आग जल्दी बुझती नहीं है.