संपादकीय
19/3/2024
पुनि दसकंठ क्रुद्ध होइ छाँड़ी सक्ति प्रचंड। चली बिभीषन सन्मुख मनहुँ काल कर दंड॥93॥
भावार्थ:- फिर रावण ने क्रोधित होकर प्रचण्ड शक्ति छोड़ी। वह विभीषण के सामने ऐसी चली जैसे काल (यमराज) का दण्ड हो॥93॥
रामायण की इस चौपाई से पता लगता है कि शक्ति के कई मतलबों में यदि एक बेटी है तो रावण की शक्ति और राम की शक्ति भी है. देश के मुखिया को सिर्फ एक ही शक्ति का ज्ञान हो ऐसा हो नहीं सकता.
देश के मुखिया जब यह कहे कि उनकी (विपक्ष )लड़ाई शक्ति के खिलाफ है लेकिन मेरे लिए हर बेटी शक्ति का रूप है। इससे ऐसा लगता है कि वे जनता जनार्दन को महा अज्ञानी मानते है. क्योंकि पूरे देश में शायद ही कोई बिरला ऐसा नेता होगा जो बेटियों माता बहनों की शक्ति के खिलाफ मंच से भाषण देगा.इससे उनकी पार्टी का ही नुकसान है।
जगतियाल तेलंगाना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 18 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के कहे गए शब्दों को घुमाते हुए पलटवार करते हुए कहा कि उनकी (विपक्ष ) लड़ाई ‘शक्ति ‘के खिलाफ है लेकिन, मेरे लिए हर बेटी शक्ति का रूप है. राहुल का वक्तव्य कि उनकी लड़ाई शक्ति के खिलाफ है, असहमति और भ्र्म का संकेत देता है.
स्वाभाविक है कि राहुल इसे दोबारा समझायेंगे. उन्होंने कहा भी कि मोदी जी बात को घुमाकर अर्थ बदलने की कोशिश कर रहे हैं.पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि मुंबई की रैली में मैंने जिस शक्ति का उल्लेख किया जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं उस शक्ति का मुखौटा मोदी हैं. वह भ्र्ष्टाचार और असत्य की शक्ति हैं.
राहुल को बयान जारी करना पड़ा शायद इसलिए कि मीडिया ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। राहुल ने कहा कि हम जिस शक्ति से लड़ रहे हैं उसने भारत की आवाज, देश की संस्थाओं सी बी आई, ई डी, आई बी, चुनाव आयोग, उद्द्योग जगत और समूचे संवैधानिक ढांचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है.उसी शक्ति के लिए मोदी भारत के बैंको से हज़ारों करोड़ के क़र्ज़ माफ करते हैं, जबकि भारत का किसान कुछ हज़ार रुपयों का क़र्ज़ न चुका पाने पर आत्म हत्या करता हैं. राहुल ने ज़ारी बयान में यह भी कहा कि उसी शक्ति को बंदरगाह, हवाई अड्डे, युवाओं को अग्निवीर का तोहफा दिया जाता है। जिससे उसकी हिम्मत टूट जाती है। उसी शक्ति को दिन रात सलामी ठोकते हुए देश की मीडिया सच्चाई को दबा देती है। उसी शक्ति के गुलाम नरेन्द्र मोदी गरीब पर जी एस टी थोपते हैं। मंहगाई पर लगाम नहीं लगाते हुए उस शक्ति को बढ़ाने के लिए देश की संपत्ति को नीलम करते हैं.
जहाँ राहुल ने शक्ति का विस्तार पूर्वक वर्णन किया वहीं प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाते हुए महिला शक्ति की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.।
जहाँ प्रधानमंत्री ने राहुल के वक्तव्य को, कि ‘उनकी अर्थात विपक्ष की लड़ाई “शक्ति ” के खिलाफ है,असहमति और भ्रम के संकेत देता हैं ‘कहा वही राहुल ने अपना बयान ज़ारी करते हुए शक्ति के ‘ गूढ़ ‘ अर्थ समझा दिए , सचमुच में राहुल ने भ्रम दूर कर दिए.