भारत में घरेलू टी20 ट्रॉफी का नाम सैयद मुश्ताक अली के नाम पर है। मुश्ताक अली ने यूं तो 11 टेस्ट मैच खेले लेकिन इतने से सफर में उन्होंने दो बड़े यादगार लम्हे अपने नाम दर्ज कर लिए। 37 की उम्र में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला और यह भारत की इंग्लैंड पर पहली टेस्ट जीत थी। 1951-52 में भारत ने चेन्नै के मैदान पर यह जीत हासिल की थी। इससे पहले, सैयद मुश्ताक अली विदेशी धरती पर शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। उन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर 1936 में शतक लगाया था। अली ने 19 साल की उम्र में डेब्यू किया। उनके डेब्यू से लेकर आखिरी टेस्ट तक भारत ने 22 टेस्ट मैच खेले और इसमें से उन्होंने आधे मैच ही खेले। 1933-34 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में उन्होंने अपने करियर का पहला मैच खेला। वह बिना प्रबंधन को बताए गायब हो गए और इसका असर उनके करियर पर पड़ा। एक बार जब वह टीम का हिस्सा नहीं थे तो उनके फैंस ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन भी किया। लोग नारे लगाने लगे, 'मुश्ताक नहीं तो टेस्ट नहीं।'
इंदौर में पैदा हुए इस बल्लेबाज के अगर आप रन देखेंगे तो शायद वह उनकी प्रतिभा के साथ न्याय न करें। मैटिंग पर अपना शुरुआती क्रिकेट खेलने के चलते वह स्क्वेअर ऑफ द विकेट काफी अच्छा खेलते थे हालांकि इसके लिए उनकी मूवमेंट भी काफी अधिक हो जाती थी। भारत ने विजय मर्चेंट और मुश्ताक से पहले पांच सलामी जोड़ियां अपनाईं थीं। ओल्ड ट्रैफर्ड में 1936 में यह जोड़ी मैदान पर उतरी। पहली पारी में मुश्ताक 13 रन बनाकर रन आउट हो गए। भारत ने पहली पारी में 203 रन बनाए। इसके जवाब में इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 571 रन बनाकर 368 रनों की बढ़त हासिल की थी। भारत ने मर्चेंट और मुश्ताक की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की मदद से दिन का खेल समाप्त होने तक बिना विकेट खोए 190 रन बनाए। मुश्ताक 112 रन बनाकर आउट हुए और 203 रनों की इस साझेदारी का अंत हुआ। मुश्ताक ने 106 रन नबाए। वह विदेशी धरती पर सेंचुरी जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। मर्चेंट ने 114 रन बनाए और वह दूसरे भारतीय बल्लेबाज थे।
इस मैच में एक और रेकॉर्ड बना था। और वह था टेस्ट मैच में एक ही दिन में सबसे ज्यादा रन बनाने का रेकॉर्ड। इंग्लैंड़ की ओर से पहले दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 173 रन बने थे। दूसरे दिन इंग्लैंड ने अपना स्कोर 8 विकेट पर 571 रनों तक पहुंचाया यानी इस दिन 398 रन बनाए। भारत इंग्लैंड से 368 रन पीछे था। लेकिन अगले दो घंटों में मुश्ताक और मर्चेंट ने इंग्लिश बोलिंग की धज्जियां उड़ा दीं। दोनों ने बिना किसी नुकसान के 190 रन जोड़ डाले। यानी एक दिन में कुल 588 रन बने। यह एक ऐसा रेकॉर्ड है जो आज तक कायम है। एक टेस्ट दिन में सबसे ज्यादा रनों का रेकॉर्ड।