उज्जैन: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किए जा रहे दावे लगातार फेल हो रहे हैं. महिलाओं को नसबंदी के बाद जमीन पर लिटाने की खबर के बाद अब ऐसा ही एक मामला उज्जैन जिले के नागदा में सामने आया है. दरअसल, नागदा के सरकारी अस्पताल में आयोजित विकासखंड स्तरीय नसबंदी मेगा कैंप में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किए गए. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि एक महिला मोबाइल टॉर्च लेकर खड़ी रही और तब नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाया गया. उसके बाद खिड़की से आ रही रोशनी व टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन हुआ.
नागदा में सरकारी अस्पताल की इस घोर लापरवाही पर जिम्मेदार अपनी-अपनी सफाई दे रहे हैं. वहीं, उज्जैन में बैठे प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं. दरअसल, मामला नागदा का है जहां बुधवार को महिलाओं का चयन ऑपरेशन के लिए हुआ. तभी बिजली गुल हो गई, इससे ऑपरेशन की शुरुआत अंधेरे में ही कर दी गई. परिजनों ने बताया कि डेढ़ घंटे लाइट बंद थी. इस दौरान 5-6 ऑपरेशन किए गए. अस्पताल में सोलर लाइट और जनरेटर की भी व्यवस्था है लेकिन, वह दोनों भी बंद थे.
मामला उजागर होने के बाद नागदा सीएमओ कमल सोलंकी ने सफाई देते हुए बताया कि जनरेटर और वैकल्पिक सुविधाएं थी और उसी में हमने ऑपरेशन किए हैं. महिलाओं को इंजेक्शन लगाए गए है, वो जरूर टॉर्च की रोशनी में लगाए थे. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भरी तस्वीरें सामने आने के बाद कमलनाथ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि छोटी-छोटी घटनाएं नही होनी चाहिए. यह कष्टदायक है. इन कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही होगी.