बीसीसीआई एजीएम में ‘कूलिंग ऑफ’ नियम में हो सकता है बदलाव

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नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट  बोर्ड (बीसीसीआई) अगले सोमवार को होने वाली बैठक में कूलिंग ऑफ पीरियड के नियम को बदलने पर विचार कर रहा है। बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के अनुसार वर्तमान अध्यक्ष सौरभ गांगुली अगले साल अगस्त तक ही अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं पर 1 दिसंबर को होने वाली बोर्ड की एजीएम के बाद शायद उन्हें और समय मिल जाए। दरअसल, गांगुली इस साल अक्टूबर में बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले 2015 से क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष थे। लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के मुताबिक कोई भी पदाधिकारी छह साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता। उसके बाद उसे कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होता है। इस दौरान वह बीसीसीआई और राज्य बोर्ड में कोई पदभार ग्रहण नहीं सकता। बोर्ड के इसी नियम को बदलने पर इस बैठक में चर्चा होने की संभावना है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि बोर्ड की आगामी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में पदाधिकारियों के 70 साल की उम्र सीमा को बदलने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा पर कूलिंग ऑफ (दो कार्यकाल के बाद विश्राम का समय) के नियम को बदलने पर विचार किया जाएगा क्योंकि इससे अधिकारियों के अनुभव का सही फायदा होगा। गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद पहली एजीएम के लिए जारी कार्यसूची में बोर्ड ने मौजूदा संविधान में महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है जिससे लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आधारित सुधारों पर असर पड़ेगा।
नए कानून के मुताबिक बीसीसीबाई या राज्य संघों में तीन साल के कार्यकाल को दो बार पूरा करने वाले पदाधिकारी को तीन साल तक ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ में रहना होगा। वहीं बीसीसीआई के नए पदाधिकारी चाहते है कि ‘कूलिंग ऑफ’ का नियम उन पर लागू हो जिन्होंने बोर्ड या राज्य संघ में तीन-तीन साल का दो कार्यकाल पूरा किया है यानी बोर्ड और राज्य संघ के कार्यकाल को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। धूमल ने कहा, ‘हमने उम्र की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। उसे पहले की तरह रहने दिया है। कूलिंग ऑफ पीरियड के मामले में हमारा मानना यह है कि अगर किसी ने राज्य संघ में काम का अनुभव हासिल किया है तो उस अनुभव का फायदा खेल के हित में होना चाहिए। अगर वह बीसीसीआई के लिए योगदान कर सकता है तो उसे ऐसा करना चाहिए।’