नई दिल्ली । महाराष्ट्र में छड़े राजनीति के महा संग्राम के बीच उप मुख्यमंत्री अजित पवार का एक और मामला शीर्ष अदालत पहुंच गया है। अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अजित पवार को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा यानी एसीबी की ओर से सिंचाई घोटाले में क्लीनचिट मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने कहा है कि जब तक विधानसभा सदन में शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता तब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के किसी भी नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगाई जाए। तीनों दलों की इस अर्जी में एसीबी के सोमवार को जारी आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।
अजित पवार का नाम अन्य मामलों में भी है, जिन्हें 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले के रूप में जाना जाता है। अतीत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना, आम आदमी पार्टी और अन्य ने भ्रष्टाचार के इन मामलों की बड़े पैमाने पर आलोचना की थी। जिस वक्त यह घोटाला सामने आया उस समय अजित पवार कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग संभाल रहे थे। तब भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने नियमित तौर पर इस मुद्दे को उठाया था। एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, सिंचाई परियोजनाओं में निविदाओं से संबंधित लगभग 3,000 शिकायतों की एसीबी जांच कर रहा है, जिसमें दो दर्जन एफआईआर दर्ज की गई हैं और पहले की तरह जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को बंद की गई फाइलें केवल नौ रूटीन तरह के मामलों से संबंधित हैं।