कोलकाता: टीम इंडिया ने कोलकाता में अपना पहला पिंक टेस्ट (Pink ball Test) जीतकर इतिहास रच दिया. इस मैच में शानदार गेंदबाजी करने वाले इशांत शर्मा (Ishant Sharma) ने कुल 9 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज दोनों का खिताब मिला. इशांत ने मैच के बाद रविवार को कहा कि मैच में गुलाबी गेंद से सफलता हासिल करने के लिए भारतीय पेसर्स को कड़ी मेहनत करनी पड़ी.
इशांत ने शानदार औसत से लिए विकेट
इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बांग्लादेश की पारी को 106 रन पर समेटा और फिर कप्तान विराट की शतकीय पारी की मदद से 9 विकेट पर 347 रन पर घोषित कर दी. इसके बाद बांग्लादेश की टीम को 195 रन पर समेटकर एक पारी और 46 रन से जीत दर्ज कर अपना पहला पिंक टेस्ट जीता. इशांत ने इस सीरीज में 10.75 के औसत से कुल 12 विकेट लिए.
पहले दिन स्विंग नहीं हो रही थी गेंद
मैच के बाद इशांत ने गुलाबी गेंद को लेकर अपने अनुभव के बारे में रोहित शार्मा से बात करते हुए कहा, "यह बहुत ही अलग था, पहले दिन गेंद स्विंग नहीं हो रही थी. हमने एक दूसरे को बताया कि न तो बॉल और न ही विकेट ऐसा है कि गेंद आसानी से स्विंग हो जाए हमें सटीक लेंथ में गेंदबाजी करने होगी, खासकर दिन की रोशनी में."
यह बदलाव किया इशांत ने अपनी बॉलिंग में
इशांत ने बताया कि इसके बावजूद उन्हें पहली पारी में सफलता मिली क्योंकि उनकी रिस्ट पोजीशन और गेंदबाजी के कोण से उन्हें बहुत फायदा हुआ. उन्होंने कहा, "पहले मेरी गेंदों को बल्ले का किनारा नहीं मिल रहा था क्योंकि मैंने ऑफ स्टंप पर गेंदें फेंकी और वे बाहर की ओर जा रही थीं. बाद में मैं स्टंप्स पर गेंदबाजी करने लगा और स्विंग होने के बाद गेंद का कोण बल्लेबाज के लिए मुश्किल पैदा करने लगा."