मौत को मोक्ष में बदलती है भागवत कथा 

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इन्दौर । कनाड़िया रोड, वैभव नगर स्थित रिवाज गार्डन पर चल रहे भागवत ज्ञानयज्ञ सप्ताह में कोलकाता के युवा भागवत मनीषी श्रीकृष्णानुरागी पं. शिवम विष्णु पाठक के सानिध्य में कथा के समापन प्रसंग पर सभी भक्तों को सिंगल यूज पोलीथिन से मुक्त रहने और इंदौर को चौथी बार भी देश के सबसे साफ सुथरे शहर के निर्माण में भागीदार बनने का संकल्प दिलाया गया। इस अवसर पर यज्ञ हवन के साथ पूर्णाहुति संपन्न हुई।
 प्रारंभ में आयोजन समिति के अजय मित्तल, सुनील मित्तल वेदप्रकाश अग्रवाल, संदीप अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। आरती में दिल्ली से आए विजय मित्तल एवं जयप्रकाश सिंघल, बैंगलुरू से विजय पोद्दार, प्रवीण पोद्दार एवं विजय गुप्ता, हैदराबाद से राजकुमार तायल, निजामाबाद से सुशील केड़िया, कोचिन से पंकज मित्तल एवं हर्षवर्धन मित्तल, कोयंबटूर से आए अमित मित्तल एवं हर्ष मित्तल एवं आमंत्रित अतिथियों  ने भाग लिया। पं. पाठक ने अपने आशीर्वचन में कहा कि साधना-आराधना और उपासना तभी सार्थक होगी, जब उनमें वासना नहीं होगी। भागवत मौत को मोक्ष में बदलने की कालजयी चाबी है। भगवान ने हमेषा बाल-ग्वालांे से लेकर समाज के अंतिम छोर पर खडे़ लोगांे को गले लगाया। आज के राजा भी अपने आसपास के बाल ग्वालों को गले लगा लंे तो द्वापर युग फिर लौट सकता है।