निजी हाथों में बेच दी गई थी बस्तर राजा की संपत्ति, हाई कोर्ट ने दिए वापस करने के निर्देश

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बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) के वर्तमान राजा कमल चंद्र भंजदेव (Kamal Chandra Bhanjdev) की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) ने उनके पक्ष में फैसला दिया है. जस्टिस प्रशांत मिश्रा की खंडपीठ ने विरासत में मिली संपत्ति पर वर्तमान राजा को संपत्ति का स्वाभाविक और परंपरा अनुसार हकदार मानते हुए पूर्व के बंटवारे को निरस्त कर दिया है. साथ ही बस्तर राजा की निजी हाथों में बेची गई सभी संपत्ति को वापस लेने के निर्देश भी दिए हैं. बीते 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिया.
दरअसल, याचिकाकर्ता बस्तर (Bastar) राजा कमल चंद्र भंजदेव ने अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) में याचिका लगाई है. याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता के चाचा हरिहर चंद्र भंजदेव, दिनेश चंद्र भंजदेव और बड़ी दादी वेदवती पति स्वर्गीय राजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने राजा की निजी संपत्ति का बंटवारा कर उसे बेच दिया जो बस्तर की परंपरा के विपरीत है. परंपरा अनुसार राजा की निजी संपत्ति पर वर्तमान राजा का हक होता है, जिसका इस्तेमाल राजपाट चलाने के काम में किया जाता है.
नहीं बेच सकता कोई संपत्ति
याचिका में कहा गया है कि राजा की संपत्ति को कोई बेच नहीं सकता, जो भी राजा बनेगा विरासत में उसे संपत्ति मिलेगी. जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद बंटवारे को निरस्त करते हुए वर्तमान राजा को संपत्ति का हकदार मानते हुए बेची गई संपत्ति को वापस लेने का निर्देश दिया है. संपत्ति को लेकर इनके बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था.