उज्जैन. नवरात्रि (Navratri 2019) में देवी के नौ रूपों के पूजा-विधान के तहत रविवार को देशभर में महाअष्टमी (Maha Ashtami) की विशेष पूजा-अर्चना की गई. मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी इस मौके पर देवी के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा की गई. यहां के प्रसिद्ध चौबीस खंभा माता मंदिर (24 Khambha Mata Temple) में महाष्टमी पूजा के मौके पर पारंपरिक रूप से नगर पूजा (Nagar Puja) का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उज्जैन के कलेक्टर ने मां दुर्गा की आरती की और परंपरा के मुताबिक देवी को मदिरा प्रसाद (Liquor Prasad) का भोग लगाया गया. पूजा के बाद महिला-पुरुष सभी श्रद्धालुओं ने माता का यह विशेष प्रसाद ग्रहण किया.
इसलिए की जाती है नगर पूजा
नवरात्र के मौके पर उज्जैन में नगर पूजा के विधान की लंबी परंपरा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह पूजा राजा विक्रमादित्य (King Vikramaditya) के समय से की जाती रही है. महाष्टमी के मौके पर की जाने वाली इस विशेष पूजा का शहर के लोगों को इंतजार रहता है. बताया गया कि राजा विक्रमादित्य नगर में सुख-शांति के लिए इस पूजा का आयोजन करते थे. विशिष्ट पूजा के दौरान वे मां दुर्गा को मदिरा प्रसाद यानी शराब का भोग लगाया करते थे. उज्जैन में चली आ रही इस परंपरा को आज भी यहां के लोग निभाते हैं.
जिला प्रशासन करता है आयोजन
रविवार को उज्जैन के चौबीस खंभा माता मंदिर, महालया और महामाया मंदिरों में मदिरा प्रसाद का भोग लगाया गया. साल में एक बार नवरात्र की महाष्टमी के दिन होने वाली इस विशेष पूजा का आयोजन जिला प्रशासन करता है. रविवार को भी विभिन्न मंदिरों में जिला कलेक्टर ने माता को मदिरा प्रसाद का भोग लगाया. बताया गया कि उज्जैन के लगभग सभी मंदिरों में यह पूजा की जाती है, जिसके लिए श्रद्धालु करीब 27 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं. इस दौरान शहर के 40 मंदिरों में महाष्टमी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
मदिरा की धार बहाने की मान्यता
उज्जैन में होने वाली नगर पूजा से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. मां दुर्गा को मदिरा प्रसाद चढ़ाने के लिए जो विशेष पूजा की जाती है, वह सुबह से लेकर शाम तक चलती है. चौबीस खंभा माता मंदिर से शुरू होने वाली यह यात्रा विभिन्न मंदिरों से होते हुए शाम में समाप्त होती है. इस यात्रा की खासियत यह है कि एक घड़े में मदिरा यानी शराब भरी जाती है, जिसके नीचे छेद होता है. पूरी यात्रा के दौरान घड़े से मदिरा की धार बहती रहती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पूजा से शहर में सुख-शांति बनी रहती है. इस बार की नवरात्रि में भी महाष्टमी के दिन होने वाली पूजा के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं. मंदिर के पुजारी के मुताबिक विशिष्ट पूजा के दौरान 25 लीटर शराब, 5 किलो सिंदूर समेत अन्य पूजन सामग्री लगेगी.