भोपाल, मध्य प्रदेश में मानसून की मार झेल रहे किसान सरकार की ओर मुआवजे के लिए टिकटिकी लगाए बैठा है। फसल प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कार्य बाकी है। लेकिन मंत्री और नेताओं की बयान बाज़ी के कारण अब फसल का सर्वे पर ब्रेक लगता दिख रहा है। मप्र पटवारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्री जीतू पटवारी ने अपने रिश्वत वाले बयान को लेकर अब तक माफी नहीं मांगी है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी दो अक्टूबर को इंदौर के एक कार्यक्रम में पटवारियों और गिरदावरों पर लाखों रुपए रिश्वर लेने का आरोप लगाया है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि इनके द्वारा हमे सार्वजिनक रुप से अपमानित करने और मानसिक प्रताड़ित करने संबंधित प्रयास किया जा रहा है। जिससे इन हालातों में हमारा मनोबल गिरा है और काम करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि इंदौर में गांधी जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने पटवारियों और गिरदावर द्वारा रिश्वत लेने की बात कही थी। उन्होंने कहा था मुझे बताया गया कि यहां नामांकन और बंटवारे के नाम पर पटवारी और गिरदावर एक-एक लाख, पांच-पांच लाख रुपए ले रहे हैं। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए, यह जो परंपरा भारतीय जनता पार्टी की थी इसे तत्काल समाप्त करना चाहिए| नामांकन बंटवारे हर हाल में एक महीने में इसको समाप्त किया जा सकता है। बता दें कि इससे पहले शनिवार को मंत्री जीतू पटवारी ने महू के रंगवासा में आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में कहा था कि कलेक्टर साहब। आपके 100 फीसदी पटवारी रिश्वत लेते हैं। इन पर आप लगाम कसिए। उनके इस बयान से नाराज होकर पटवारी संघ ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सार्वजानिक माफ़ी मांगने की मांग की है, वहीं ऐसा नहीं करने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है| हालाँकि बाद में मंत्री पटवारी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि उनका कहना प्रदेश भर के पटवारियों के लिए नहीं था।