मोदी-शी की मुलाकात के लिए मामल्लपुरम का हुआ कायाकल्प

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 मामल्लपुरम,चेन्नै से मामल्लपुरम की ओर जाने वाला समुद्र तटीय राजमार्ग काफी शांत है। यहां चारों तरफ स्वच्छ भारत के संदेश के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की चर्चा हो रही है। हाइवे के दोनों किनारे प्लास्टिक मुक्त हो चुके हैं। यहां घास को सलीके से संवारने के साथ साथ जंगली झाड़ियां काटी जा चुकी हैं। यहां कि टिमटिमाती स्ट्रीट लाइटों को बदल दिया गया और फेरीवालों के साथ छोटी दुकानें भी नजर नहीं आती हैं। यह शहर 11-13 अक्टूबर के हाई-प्रोफाइल इवेंट से पहले काफी साफ-सुथरा और हरा-भरा दिख रहा है।
यूनेस्को ने चेन्नई से लगभग 30 किमी दूर मामल्लपुरम को 7वीं शताब्दी के स्मारकों के लिहाज से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। सरकारी दस्ते ने शहर को चमकाने का काम काफी तेजी से किया क्योंकि दोनों नेता अर्जुन तपस की यात्रा भी कर सकते हैं। यहां भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अर्जुन की तपस्या का चित्रांकन है, भगवान कृष्ण के लिए मक्खन की बूंद एक बड़े शिलाखंड से लटकी है, मानो किसी भी वक्त नीचे गिर सकती है; पल्लव राजा नरसिम्वर्मन- प्रथम के शासनकाल में बना पांच रथ या पांच अखंड मंदिर जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं। एक प्रसिद्ध शिव मंदिर भी है। सांस्कृतिक संबंध के लिए शोर मंदिर के बाहर बुद्ध की एक प्रतिमा लगी है।
मोदी और शी के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण के लिए सुरक्षा बलों ने पूरे शहर को अपने साए में ले लिया है। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच पहला शिखर सम्मेलन अप्रैल 2018 के दौरान वुहान में हुआ था। इसे चीन के साथ डोकलाम मसले पर तकरार के बाद पड़ोसी देश से रिश्ते सुधरने की दिशा में अहम कदम माना गया था।
हालांकि, अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण से स्थानीय निवासी नाराज भी हैं। शहर खूबसूरती से उन्हें खुशी तो होती है; लेकिन वे सर्फिंग स्कूलों को 10 दिनों के लिए सभी गतिविधियां रोकने के निर्देश, 4 अक्टूबर से मछुआरों को समुद्र में जाने की मनाही और सड़क के किनारे वाली दुकानों को बंद करवाने जैसी वजहों से नाराजगी भी जाहिर करते हैं।
कलाकार, मूर्तिकार और राजा स्टोन कर्विंग के मालिक एम देवराज कहते हैं, 'मुझे खुशी है कि इस दौरे से शहर की बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है। हालांकि, पुलिस सड़क के किनारे सामान बेचने वालों को हटा रही है। शोर मंदिर तक कम से कम 200 वेंडर सामान बेचा करते हैं। उन सभी को हटा दिया गया है। मैं चाहता था कि यह काम संगठित तरीके से किया जाता, बजाय इसके कि कोई आ रहा है इसलिए जगह खाली करानी है। अगर आप लोगों को बाहर निकाल रहे हो तो उन्हें कारोबार करने का कोई ठिकाना भी दो। ऐसी चीजें तकलीफ भी देती हैं।'
एन कन्नम्मा नमक और मिर्च पाउडर के साथ कच्चे आम बेचती हैं। उनका कहना है, 'मैं बैठकर अपना सामान बेचने के लिए एक जगह से दूसरे जगह भटक रही हूं। मैं जब भी किसी जगह बैठती हूं तो पुलिस आकर मुझे वहां से हटा देती है।' एस कुमारसेन पेरूमल मंदिर के बाहर सॉफ्ट ड्रिंक और चिप्स जैसी चीजें बेचते हैं। वह बताते हैं, 'पहले शहरों में चारों तरफ कचरा फैला हुआ था। अब यहां नए डस्टबिन हैं और हर तरफ सफाई दिखती है। मुझे उम्मीद है कि इसके चलते शहर में ज्यादा लोग आएंगे।'