कमलनाथ ने पहली कैबिनेट में गिनाईं प्राथमिकताएं

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में साफ कर दिया है कि वचन पत्र के सभी बिंदुओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। उन्होंने मंत्रियों को साफ कर दिया है कि वह अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम करेंगे। सरकार में लापरवाही और सुस्ती के प्रति जीरो टॉलरेंस रहेगा। उन्होंने सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं।

मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार के 28 मंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में शपथ दिलाई। कमलनाथ की टीम में सबसे पहले विजयलक्ष्मी साधौ ने शपथ ली, इसके बाद सज्जन सिंह वर्मा और डॉ गोविंद सिंह ने शपथ ली। शपथ लेते समय डबरा विधायक इमरती देवी चार बार अटकीं।

टीम कमलनाथ में एक निर्दलीय, 2 महिलाएं और एक मुस्लिम को मंत्री बनाया गया है। वहीं, 15 विधायक ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने। जबकि कांग्रेस से पहली बार विधायक बने 55 नए चेहरों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। मंच पर 28 विधायकों के लिए मंच पर चेयर लगाई गई थीं। ठीक 3 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री कमलनाथ राजभवन पहुंचे। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो गया। इसके पहले डेढ़ बजे सीएम कमलनाथ भोपाल पहुंचे।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को अपनी पहली कैबिनेट में मंत्रियों और अधिकारियों को अपने कड़े तेवर दिखा दिए। उन्होंने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए जिला स्तर पर ऊर्जा समितियों को भंग करने के निर्देश दिए। सीएम ने तय समय मे खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने के भी आदेश दिए।

वल्लभ भवन मंत्रालय में मंत्री परिषद और अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा- सभी विभाग समयबद्ध कार्ययोजना बना लें। मुझे किसी तरह की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। अगर शिकायत मिली तो अफसर को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। नए नजरिए के साथ व्यवस्था को देखें, जहां भी परिवर्तन और नवाचार जरूरी हैं, उन पर अमल करें। इसके साथ ही हर कैबिनेट में एक विभाग को प्रेजेंटेशन देना होगा। गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में कृषि विभाग का प्रेजेंटेशन देखा जाएगा।

विभाग के संचालन की जिम्मेदारी विभाग के मंत्री की : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जनहित के कार्य बिना किसी हीला-हवाली के त्वरित हों। नियमानुसार होने वाले कार्य नियमित कार्यप्रणाली से ही हों, ये सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष केवल ऐसे विषय लाए जाएं, जो नियमित व्यवस्था में नहीं हो सकते। विभाग के संचालन का दायित्व विभागीय मंत्री का होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा- जनसेवा सरकार का प्राथमिक दायित्व है। हालांकि ये बैठक अनौपचारिक थी। इसका कोई एजेंडा नहीं रखा गया था। गुरुवार को फिर से कैबिनेट की मीटिंग रखी गई है, जिसमें एजेंडे के साथ ही विभागवार प्रेजेंटेशन भी दिए जाएंगे।

बैठक से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्री मिंटो हॉल गए, जहां पर वह महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।