प्रदेशभर में गुरुवार को सरकारी डॉक्टर कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। डॉक्टर अपने सफेद कोट के साथ काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों ने एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है।
चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।
आंदोलन की शुरुआत राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-2 के सामने दोपहर 1 बजे से होगी। इस विरोध प्रदर्शन में मेडिकल ऑफिसर्स, चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर शामिल होंगे।
चिकित्सक महासंघ ने अपनी मुख्य मांगों में उच्च न्यायालय से आदेशित उच्च स्तरीय समिति का गठन, कैबिनेट से पारित डीएसीपी और एनपीए का सही क्रियान्वयन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी मांगें शामिल की हैं। डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
ये है प्रमुख मांगे?
- उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उच्च स्तरीय समिति का गठन
- कैबिनेट से पारित DACP का सही क्रियान्वयन
- 7वें वेतनमान का पूरा लाभ
- चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी पर रोक
क्या है DACP
डीएसीपी के जरिए डॉक्टरों की समय-समय पर पदोन्नति होती है। वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में बेहतर अवसर मिलते हैं। ये पॉलिसी साल 2008 के बाद कई राज्यों में लागू हो चुकी है, जबकि 14 साल के बाद भी मध्य प्रदेश में इसे लागू नहीं किया गया है। इससे डॉक्टरों में खासी नाराजगी है।