भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी और कलेक्टोरेट कैंपस रिडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट को करीब 20 दिन पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से हरी झंडी मिली थी। इसके बाद प्रोजेक्ट में अब ग्राउंड लेवल पर काम शुरू हो गया है। सरकारी दफ्तर कहां लगेंगे? इसे लेकर प्लान तैयार है। वहीं, जिन सरकारी आवासों को तोड़ा जाएगा, वे स्मार्ट सिटी की नई बिल्डिंग में शिफ्ट होंगे। 15 दिन में कलेक्टर ने विस्तृत प्लान मांगा है। करीब दो साल पहले हाउसिंग बोर्ड ने यह प्रोजेक्ट बनाया था, लेकिन भोपाल सिटीजंस फोरम ने इलाके में पेड़ काटने और छोटे तालाब से 50 मीटर के दायरे में निर्माण को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। इसी मामले में हरी झंडी मिली है। सुनवाई के दौरान हाउसिंग बोर्ड ने बताया था कि प्लानिंग इस तरह से की गई है कि ज्यादातर पेड़ बचाए गए हैं। यह तालाब से 60 से 150 मीटर दूर बनेगा। यह प्रोजेक्ट प्रोफेसर कॉलोनी में लगभग 13 एकड़ में प्रस्तावित है।
हाउसिंग बोर्ड ने दिया प्रेजेंटेशन
हाउसिंग बोर्ड के अफसरों ने संशोधित प्रोजेक्ट का पावर पाइंट प्रेजेंटेशन कलेक्टर को दिखाया है। प्रोजेक्ट करीब 500 करोड़ रुपए का है। इसके जल्द टेंडर प्रोसेस करने की बात भी अफसरों ने कही। इसके बाद वहां के मकान और सरकारी दफ्तरों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।
कलेक्टर पूछा- कहां, कब और कैसे शिफ्टिंग?
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्रोफेसर कॉलोनी में लगने वाले जल संसाधन, संपदा संचालनालय, एनसीसी, श्रम विभाग और अन्य दफ्तरों के अफसरों से पूछा कि वे अपने दफ्तर कहां शिफ्ट करेंगे? जिस पर उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कहीं। एडीएम सिद्धार्थ जैन ने बताया, दो बिंदुओं पर फोकस है। जिसमें पहला बिंदू सरकारी ऑफिस और आवास को शिफ्ट करना है। यहां सरकारी ऑफिस के साथ ही क्वार्टर बी-1, 2, 3 और 4 तक के आवास भी हटाए जाएंगे। 15 दिन बाद फिर से रिव्यू बैठक होगी।
स्मार्ट सिटी की नई बिल्डिंग का सुझाव
कलेक्टर सिंह ने संपदा संचालनालय के अधिकारियों से भी बात की है। ताकि, सरकारी आवास में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को शिफ्ट किया जा सके। इस पर स्मार्ट सिटी की टीटी नगर इलाके में बनी बिल्डिंग के फ्लैट आवंटित किए जाने का सुझाव दिया। इसके बाद कलेक्टर ने इस सुझाव पर तैयारी करने को कहा है।
बिल्डिंग में कौन से सरकारी दफ्तर रहेंगे, इस पर भी मंथ
एडीएम जैन ने बताया, नया कलेक्टोरेट भवन 5 से 6 फ्लोर का होगा। हर फ्लोर पर 6 से 7 हजार स्क्वेयर फीट एरिया रहेगा। कौन सा सरकारी ऑफिस कहां पर रहेगा, इस पर भी मंथन किया जा रहा है। बता दें कि यहां कमिश्नरी ऑफिस के अलावा हुजूर और बैरागढ़ एसडीएम, तहसील दफ्तर, पुराना सचिवालय के अन्य दफ्तर भी बनाए जाएंगे।
एनजीटी और भोजवेट लैंड नियमों का पालन हो
कलेक्टर ने बताया, इस संबंध में बैठक की है। जिसमें संबंधित अधिकारियों से कहा है कि निर्माण कार्य के दौरान एनजीटी का 20 दिन पहले जारी आदेश और भोजवेट लैंड नियमों का पूरी तरह पालन होना चाहिए। खासकर से छोटे तालाब से 50 मीटर की दूरी और हरियाली बरकरार रखने पर विशेष ध्यान रखें। प्रोजेक्ट रिपोर्ट में निर्धारित पेड़ों में से एक भी ज्यादा नहीं कटना चाहिए।
कलेक्टोरेट के लिए 9 बार तलाशी जग
साल 1972 से अब तक कलेक्टोरेट के लिए 9 बार अलग-अलग जगहों पर विचार हुआ, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आ गई। अब एनजीटी के फैसले के बाद 2024 में इस नई साइट को मंजूरी मिली है।