अमेरिकी सरकार ने इलॉन मस्क की एक कैंपेन अमेरिका PAC को चेतावनी दी है। मस्क ने इसके तहत अमेरिका में चुनाव से पहले वोट देने वाले मतदाताओं को 1 मिलियन डॉलर (8.4 करोड़ रुपए) देने की घोषणा की थी। CNN के मुताबिक जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि ये गैरकानूनी है। दरअसल, अमेरिका में चुनाव से कुछ दिन पहले वोटिंग की प्रोसेस शुरू हो जाती है। इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं। मस्क ने शनिवार और रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक पुरुष और एक महिला को 1 मिलियन डॉलर का चेक भी दिया। उनकी टीम ने बताया कि सोमवार का विजेता नॉर्थ कैरोलिना से चुना गया है।
मस्क की स्कीम से ट्रम्प को फायदा, कमला को नुकसान कैसे?
मस्क की इस कैंपेन से अमेरिका की बाइडेन सरकार नाराज है। दरअसल मस्क अमेरिकी चुनाव में पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं। वे ट्रम्प के लिए लाखों डॉलर खर्च कर रहे हैं। वोटर्स को पैसे देने का ऐलान भी इसी से जुड़ा है। इसका मकसद स्विंग स्टेट्स में रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना है। दरअसल, स्विंग स्टेट वे राज्य होते हैं जहां दोनों पार्टियों के बीच टक्कर का मुकाबला होता है। यहां हर वोट अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में मस्क की कैंपेन कमला से कुछ वोटर्स छीन सकती है। इसकी बड़ी वजह ये है कि मस्क ने 8 करोड़ जीतने के लिए जो शर्तें रखी हैं, वे ट्रम्प को चुनावी वादों से मेल खाती हैं।
मस्क बोले- स्कीम किसी एक पार्टी के लिए नहीं
मस्क की अर्ली स्कीम योजना को डेमोक्रेट्स नेता कानून का उल्लंघन बताया रहे हैं। पेंसिल्वेनिया के डेमोक्रेट गवर्नर जोश शापिरो ने कहा कि मस्क का ऐलान बेहद चिंताजनक है। मस्क ने इसके बचाव में सोशल मीडिया पर दलील दी है।मस्क ने कहा कि विजेता लॉटरी से चुना जाता है। वे नहीं जानते कि वह रिपब्लिकन या फिर डेमोक्रेटिक पार्टी में से किसका समर्थक है। वे किसी भी पार्टी के हो सकते हैं।
अमेरिका में चुनाव जीतने के लिए कितनी अहम अर्ली वोटिंग
अमेरिकी चुनावों में पहले भी एडवांस पोलिंग होती रही है। हालांकि, पहले के चुनावों में प्री पोल वोटिंग में डेमोक्रेट्स का दबदबा रहा था, लेकिन इस बार कुछ प्रमुख राज्यों में रिपब्लिकन ने बढ़त बनानी शुरू कर दी है। 1988 से पहले सिर्फ 6 ऐसे राज्य थे जहां पर शुरुआती वोटिंग का चलन था। 1992 से चुनाव से पहले शुरुआती वोटिंग का चलन बढ़ता चला गया। 1992 के चुनाव में 7% लोगों ने वोट किया था। NBC के मुताबिक इस साल 14.5 मिलियन लोग चुनाव से पहले वोटिंग कर सकते हैं। यह करीब 70% है। MIT इलेक्शन डेटा एंड साइंस लैब के मुताबिक 2020 में लगभग 60% डेमोक्रेट और 32% रिपब्लिकन वोटर्स ने मेल के जरिए वोटिंग की थी। जाहिर है कि पिछले चुनाव में भी बाइडेन को इसका फायदा मिला था। यही वजह है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई बार एडवांस पोलिंग के खिलाफ बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि मेल के जरिए वोटिंग करने में धोखाधड़ी होती है।