प्रदेश में दिसम्बर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लाए जाने वाले अनुपूरक बजट प्रस्ताव के लिए वित्त विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं और यह भी तय कर दिया है कि किस आधार पर अनुपूरक बजट के लिए प्रस्ताव लाए जा सकेंगे। जिन विभागों की ओर से अनुपूरक बजट के प्रस्ताव दिए जाएंगे, उन्हें यह बताना होगा कि 31 अक्टूबर तक उनके विभाग द्वारा बजट में किए गए प्रावधान के आधार पर कितनी राशि खर्च की जा चुकी है। सभी विभागों से 10 नवम्बर तक अनुपूरक बजट प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। वित्त विभाग ने साफ किया है कि अनुपूरक बजट में नए वित्तीय मद के प्रस्ताव शामिल नहीं किए जा सकेंगे, जिनमें राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों से अतिरिक्त डिमांड की जा रही हो।फाइनेंस ने यह भी क्लियर कर दिया है कि वाहनों की खरीदी के लिए अनुपूरक बजट में कोई प्रस्ताव नहीं दिए जा सकेंगे। विभाग ने यह भी कहा है कि जिन वित्तीय मदों को प्रतीक प्रावधान के रूप में खोलना है और राशि का इंतजाम अन्य मद से होने वाली बचत से किया जाना है, वे प्रस्ताव आ सकते हैं लेकिन बचत मद की जानकारी देना होगी। इसी तरह अगर किसी योजना में खर्च के लिए राशि मांगी जा रही है और बजट की राशि पहले से मंजूर रकम में समायोजित होना है तो उसके संबंध में विभागों को अलग से ब्योरा देना होगा।
सप्लीमेंट्री बजट के प्रस्ताव इन शर्तों पर होंगे मान्य
- जिस वित्तीय मद के लिए राज्य की आकस्मिकता निधि से एडवांस राशि जारी की गई है।
- जिसके लिए वित्त विभाग द्वारा सहमति दी गई है।
- जिनके लिए भारत सरकार या अन्य एजेंसी ने वित्तीय सहायता या केंद्रांश दिया है। जो वर्तमान वित्तीय मद से अलग न की जा सकती हो तथा अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था विभाग की अन्य योजनाओं में उपलब्ध राशि में कटौती कर नहीं की जा सकने की स्थिति हो।
- विशेष पूंजीगत सहायता योजना के अंतर्गत जिन विभागों द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे गए हैं या भेजे जाने हैं, उन विभागों को अलग से बजट लाइन खोलने की आवश्यकता के मद्देनजर स्वीकृति की जरूरत हो।
- विशेष पूंजीगत सहायता योजना में भारत सरकार से स्वीकृति के बाद यह अतिरिक्त बजट की जरूरत हो या अन्य योजनाओं से बचत की पूर्ति किया जाना संभव न हो।