भोपाल: साइबर ठगों को कमीशन पर बैंक खाते बेचने वाले एक गिरोह का भोपाल साइबर क्राइम सेल ने भांडाफोड़ किया है। पुलिस ने शिवपुरी और सूरत में दबिश देकर पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अलग-अलग बैंकों में करंट खाते खुलवाते थे और दो से पांच प्रतिशत कमीशन पर साइबर ठगों को बेच देते थे।
तय था कमीशन
बाद में जब साइबर ठग लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी करते तो इन्हीं बैंक खातों का उपयोग किया जाता था। यहां आरोपितों का हर ट्रांजेक्शन के हिसाब से कमीशन फिक्स था। इस तरह आरोपितों ने पिछले कुछ महीनों में 20 से 40 हजार रुपये कमाए थे। पुलिस पांचों आरोपितों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटा रही है।
सूरत के तीनों आरोपित हैं हीरा कारीगर
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच, शैलेन्द्र चौहान ने बताया कि पिछले महीने शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत आई थी। जांच के दौरान पुलिस को सूरत के बैंक खातों से रुपयों की निकासी की जानकारी मिली।
इस पर पुलिस ने दबिश देकर सूरत से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपित हीरे की कारीगरी का काम करते थे। दो आरोपित 25 वर्षीय शांति बांभनिया और 29 वर्षीय कमलेश परमार अपने बैंक खाते कमीशन पर 35 वर्षीय अश्विन प्रजापति को देते थे। बाद में अश्विन इन खातों को अन्य ठग को बेचता था।
वहीं शिवपुरी से 27 वर्षीय धनीराम जाटव उर्फ शैलेन्द्र एवं 45 वर्षीय रामनाथ लोधी को पकड़ा। रामनाथ ने कमीशन के लिए खाता बेचा था, जबकि धनीराम उसके बैंक खाते को बेचने का माध्यम बना था। शहर से नौ लाख की ठगी की शिकायत के बाद इनके बैंक खातों से 80 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन और भी पाया गया है।