कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में डायरी के एक पेज ने सस्पेंस बढ़ा दिया है। मृतक के पिता ने सोमवार (19 अगस्त) को बताया कि बेटी रोज दिनभर की घटनाओं को अपनी डायरी में लिखती थी।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को दिन में भी उसने कुछ पेज लिखे थे। इनमें से एक पेज की फोटो खींचकर मुझे भेजी थी। पुलिस को मिली डायरी से यह पेज भी गायब है। इस पेज में क्या लिखा है, इस पर पिता ने कुछ नहीं बताया। सिर्फ इतना कहा कि अस्पताल के मौजूदा हालात का जिक्र बेटी ने किया था।
पिता के बयान पर CBI टीम सोमवार दोपहर बाद उनके घर पहुंची और उस पेज की तस्वीर ले ली। पिता ने आरोप लगाया कि उनके पास इस बात का सबूत है कि डायरी के कई अहम पन्ने पुलिस ने ही फाड़े थे।
पूर्व प्रिंसिपल ने एक हफ्ते पहले कॉल रिकॉर्ड्स डिलीट किए थे
ट्रेनी डॉक्टर की हत्या मामले के भले ही सिविक वॉलंटियर संजय राय पुलिस गिरफ्त में है, लेकिन केस के केंद्र में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ही नजर आ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि संदीप
ने घटना के एक हफ्ते पहले अपने फोन के कॉल रिकॉर्ड्स, मैसेज डिलीट कर दिए थे। कई नंबर भी फोन से हटाए गए थे। CBI अब इसी डेटा को फोन से रिकवर कर रही है।
CBI को घोष से 7 सवालों के जवाब नहीं मिले
CBI 4 दिन से उनसे पूछताछ कर रही है, लेकिन, करीब 7 सवाल ऐसे हैं, जिनके स्पष्ट जवाब घोष नहीं दे पाए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि घोष यह नहीं बता रहे हैं कि उन्होंने शव की सूचना मिलने के बाद दूसरे डॉक्टरों और कर्मचारियों को सेमिनार हॉल में जाने की इजाजत कैसे दे दी?
जांच में यह भी पता चला है कि जान बूझकर सबूत मिटाए गए। जो लोग सबसे पहले सेमिनार हॉल में पहुंचे, उन्होंने शव को छुआ था। इससे कमरे में कई निशान बिगड़ चुके हैं। घोष से जब कमरे में जाने वाले लोगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि मुझे जानकारी नहीं है।
उन्होंने यह भी नहीं बताया कि पुलिस को दो घंटे देरी से सूचना क्यों दी गई? वहीं, इस केस में स्थानीय पुलिस CBI के शक घेरे में हैं, क्योंकि उन्होंने अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज नहीं किया।
एजेंसी पता लगा रही है कि क्या घोष के कहने पर ऐसा किया गया? सेमिनार हॉल की दीवार तोड़कर अगले दिन ही मरम्मत का काम कैसे शुरू हो गया?
हत्या कहां हुई, CBI के पास अब तक सुराग नहीं
जांच एजेंसी अब तक चेस्ट मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख, मृतक के कई सहयोगियों और ड्राइवरों समेत 60 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। CBI के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि शव सेमिनार हॉल में मिला था, लेकिन पूछताछ में यह साबित नहीं हो पा रहा है कि ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कहां की गई? यह तय है कि घटना एक से ज्यादा लोगों ने की।
सिर, गाल, घुटना, जबड़ा, नाक, प्राइवेट पार्ट… 25 जगह चोटें थीं
मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ट्रेनी डॉक्टर के शरीर पर बाहर 16 और अंदर 9 जगह गहरी चोटें मिली हैं। इनमें सिर, गाल, होंठ, नाक, दाहिने जबड़े, ठुड्डी, बाएं हाथ, बाएं कंधे, बाएं घुटने, टखने और प्राइवेट पार्ट शामिल हैं। फेफड़ों में खून जमा था।
रिपोर्ट में पेनिट्रेशन/इनसर्शन शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसका मतलब है कि रेप हुआ था। उसे गला घोंटकर मारा गया। मृतक के एंडोसर्विकल कैनाल में कुछ द्रव मिला है, जिसे फोरेंसिक जांच के भेजा गया है। मृतक की मां ने आरोप लगाया था कि बेटी के हाथ समेत कई हडि्डयां टूटी थीं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।
पूर्व प्रिंसिपल का राजनीतिक रसूख, कोई कुर्सी छू नहीं सकता
ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. घोष को 2021 में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया। 9 फरवरी 2021 को आरजी कर के प्रिंसिपल के रूप में ट्रांसफर कर दिया गया।
31 मई, 2023 को बंगाल सरकार ने डॉ. सनथ घोष को आरजी कर का नया प्रिंसिपल बनाने का आदेश जारी किया। हालांकि, डॉ. संदीप के बुलाए गुंडों ने प्रिंसिपल केबिन के बाहर ताला लगा दिया और डॉ. सनथ टेकओवर नहीं कर पाए।
20 घंटे से बाद आदेश को पलट दिया गया। 11 सितंबर, 2023 को नए प्रिंसिपल डॉ. मानस कुमार बंदोपाध्याय चार्ज नहीं ले सके। 9 अक्टूबर, 2023 को सरकारी आदेश से घोष बहाल हो गए।
रुतबा इतना कि एक फोन में आ जाती है गुंडों की भीड़
डॉ. संदीप घोष अपनी लाइफ स्टाइल के कारण चर्चा में रहे हैं। गृह विभाग के निर्देश पर अस्पताल में 20 सुरक्षा कर्मी तैनात हुए थे, इनमें 6 से 8 गार्ड्स घोष की सुरक्षा में हमेशा रहते थे। घोष जब भी कमरे से बाहर निकलते थे, उनके साथ 6 से 8 सुरक्षा गार्ड रहते थे।
अस्पताल के दो कर्मचारी सबसे आगे सीटी बजाते चलते थे, ताकि रास्ता खाली हो जाए। अगर कोई डॉ. घोष के खिलाफ बोलता है तो उसे गुंडों की भीड़ आकर उसी अस्पताल में भर्ती कर देती है। उसके पड़ोसी ने बताया कि एक बार घोष ने अपनी ही पत्नी की सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद पेट पर लात मार दी थी जिससे सिजेरियन टांके खुल गए थे।
घोष के निर्देश पर लावारिस शव लैब में आते थे: ट्रेनी डॉक्टर
इसी अस्पताल के एक ट्रेनी डॉक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में आने वाले लावारिस शवों को घोष के निर्देश पर प्रेक्टिकल के लिए लैब में भेज दिया जाता था। उनके खिलाफ मानव अंगों की तस्करी को संरक्षण देने के आरोप भी लगते रहे हैं। कई बार मुद्दा भी उठा, लेकिन उनकी ऊंची पहुंच के चलते मामले दबा दिए गए।