नेतन्याहू ने कतर के मीडिया हाउस पर बैन लगाया : हमास का समर्थन करने के आरोप

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इजराइल में पाबंदी लगने के बाद रविवार देर शाम कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा के ऑफिस पर पुलिस ने रेड की। BBC ने इजराइल के कम्युनिकेशन मिनिस्टर श्लोमो करही के हवाले से बताया है कि रेड में अलजजीरा के कैमरा समेत काफी सामान सीज किया गया है।

इजराइल में अलजजीरा का ऑफिस यरुशलम के ऐंबैस्डर होटल में है। श्लोमो ने एक वीडियो शेयर किया है, इसमें पुलिस होटल के कमरे में घुसती हुई दिखाई दे रही है। इजराइल की कैबिनेट ने रविवार (5 मई) को कतर के न्यूज चैनल अलजजीरा पर बैन लगा दिया।

इजराइल के ब्रॉडकास्ट मंत्री श्लोमो करही ने इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। कैबिनेट के मुताबिक, हमास जंग में चैनल की रिपोर्टिंग से नाराजगी के चलते ये फैसला लिया गया। इजराइल ने अलजजीरा पर कतर का माउथपीस होने का आरोप लगाया है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट में बताया कि हमारी सरकार ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। नेतन्याहू ने अलजजीरा को उकसावे की हरकतें करने वाला चैनल बताया। इजराइली मीडिया हाउस टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, अलजजीरा पर जंग को भड़काने और इजराइल की दुनियाभर में छवि खराब करने का आरोप है।

अलजजीरा की सफाई- हमारा हमास से कोई संबंध नहीं
अलजजीरा ने इजराइल में अपने प्रसारण पर लगे बैन की पुष्टि खुद की। चैनल की ओर से बताया गया है कि इजराइल के दूरसंचार मंत्री ने कैमरे, माइक्रोफोन, सर्वर और लैपटॉप, साथ ही वायरलेस ट्रांसमिशन को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं। यहां तक कि उनके जर्नलिस्ट (पत्रकारों) के फोन भी कब्जे में लेने के आदेश हैं।

अलजजीरा ने कैबिनेट के आरोपों को निराधार बताते हुए लिखा कि उसका हमास से कोई संबंध नहीं है। चैनल पहले भी इन आरोपों पर जवाब देता आया है। चैनल ने यह भी कहा कि इजराइल के इस फैसले का असर जंग को रोकने के लिए कतर की कोशिशों पर पड़ सकता है। साथ ही कतर के साथ इजराइल के संबंध खराब होने का खतरा भी हो सकते हैं।

31 जुलाई तक ही लागू रहेगा बैन
नेतन्याहू पिछले एक महीने से अलजजीरा पर बैन की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इसके लिए इजराइली संसद की मंजूरी जरूरी थी। नेतन्याहू ने सबसे पहले संसद के वरिष्ठ मंत्रियों की मदद से एक बिल पास कराया जिससे अलजजीरा नेटवर्क को बंद किया जा सके। इसके बाद कैबिनेट की बैठक बुलाई गई।

हालांकि, नेतन्याहू केवल 31 जुलाई तक ही चैनल पर बैन लगा सकते हैं। बैन को आगे बढ़ाने के लिए उनको फिर से संसद की मंजूरी चाहिए होगी।

क्या कतर-इजराइल के रिश्तें बिगड़ेंगे?
इजराइल ने अलजजीरा पर उस वक्त बैन लगाया है जब कतर हमास और इजराइली सरकार के बीच जंग रुकवाने के लिए बिचौलिए की भूमिका निभा रहा है। हाल ही में नेतन्याहू ने कतर पर आरोप लगाए थे कि वो सीजफायर के लिए हमास पर ठीक से दबाव नहीं डाल रहा है।

जंग को 7 महीने हो चुके हैं। इस बीच केवल एक बार 6 दिनों के लिए जंग रुकी है। पिछले साल दिसंबर के बाद से दोनों के बीच कोई डील पर सहमति नहीं बन पाई है। दूसरी तरफ, मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा भी किया गया कि कतर बिचौलिए का रोल छोड़ सकता है।

कतर के प्रधानमंत्री जासिम अल-थानी ने दोहा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “मध्यस्थता कराने में कतर की भूमिका का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कई देश अपने चुनाव कैंपेन के लिए कतर के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। हम दोनों पक्षों में समझौते के लिए एक हद तक ही अपना योगदान दे सकते हैं। इसके बाद फैसला उन्हीं को करना होगा।”

BBC के मुताबिक अलजजीरा पर बैन के बाद कतर आपत्ति जरूर जताएगा। इससे दोनों देशों के रिश्तों में कुछ वक्त के लिए तनाव पैदा हो सकते है।

अलजजीरा ने POK को पाकिस्तान का हिस्सा बताया
2015 की बात है। अलजजीरा ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत के नक्शे को गलत दिखाया। कुछ नक्शों में पाक अधिकृत कश्मीर एवं अक्साई चिन को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया था। लक्षदीप एवं अंडमान द्वीप के कुछ इलाके भी नक्शों में नहीं थे। इस पर सूचना एवं प्रासरण मंत्रालय ने चैनल पर 5 दिन का बैन लगा दिया था।

इसके अलावा अलजजीरा की एक डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : हू लिट द फ्यूज’ पर पिछले साल यानी 2023 में इलाहबाद हाईकोर्ट ने बैन कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इससे देश में सांप्रदायिक सोहार्द बिगड़ सकता है।