भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण बना सर्वश्रेष्ठ

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भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी की ताकत पहले जहां स्पिन गेंदबाजी मानी जाती थी। वहीं अब उसका तेज गेंदबाजी आक्रमण सर्वश्रेष्ठ बन गया है। यह पहली बार है जब टीम के तेज गेंदबाज स्पिनरों पर भारी पड़ रहे हैं और उन्हें अपनी जगह हासिल करने तक के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इशांत शर्मा, मोहम्‍मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार का सामना करना दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों के लिए कठिन हो रहा है। पिछले कुछ समय में ही  भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन ने कई रिकॉर्ड कायम किये हैं। इस साल प्रदर्शन के मामले में इन्‍होंने तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।  2019 में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 15.16 की औसत से विकेट लिए हैं जो कि 67 साल का बेहतरीन प्रदर्शन है। पिछले लगभग 7 दशक में कोई देश इस तरह की गेंदबाजी नहीं कर पाया है। वहीं भारत के टेस्‍ट इतिहास में तेज गेंदबाजों का यह अब तक का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन है।
इस साल भारतीय तेज गेंदबाजों की स्‍ट्राइक रेट 31 की रही है जो कि सभी टीमों से बेहतर है। दूसरे नंबर पर ऑस्‍ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्‍टार्क, पैट कमिंस, जोस हेजलवुड आते हैं और इनकी स्‍ट्राइक रेट 46.6 की है। दोनों के बीच मौजूद अंतर भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रभाव को साबित करता है। कप्तान विराट कोहली ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों में बेहद क्षमताएं हैं और उनने अंदर विश्व के किसी भी देश में विकेट लेने का आत्मविश्वास है।
लोग अब तेज गेंदबाजों की अहमियत को समझने लगे हैं: उमेश
तेज गेंदबाज उमेश यादव अपने करियर के एक बड़े अर्से तक वह टीम से अंदर बाहर होते रहे। लेकिन अब वह भारतीय
तेज गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं। उन्हें जो भी मौका मिल रहा है वह उसे भुनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। हालिया घरेलू टेस्ट सीजन में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उमेश ने कहा कि आज जो गेंदबाज खेल रहे हैं वे भी 20 विकेट ले रहे हैं। तो, ऐसे में मुझे अपने मौके का इंतजार करना पड़ता है। मैं लगातार सोचता रहता हूं कि मौका मिलने पर मैं उसे कैसे भुनाऊंगा। मैं नकारात्मक नहीं सोच सकता। मैं बाहर बैठकर भी चीजें सीखता रहता हूं और फिर नेट्स में उन्हें आजमाता रहता हूं।
मैं सकारात्मक लोगों के साथ ज्यादा वक्त बिताने की कोशिश करता हूं। इससे मुझे सही मानसिकता में रहने में मदद मिलती है। मेरा एक रूटीन है और मैं उसे फॉलो करता हूं। मेरा प्रयास होता है कि ज्यादा समय तक खाली न बैठा रहूं। चूंकि अगर आप अधिक समय तक खाली बैठे रहते हैं तो मन में कई नकारात्मक विचार आते हैं। दोस्तों से बात कर मैं खुद में सुधार करने की कोशिश करता हूं। मैं ऐसे सकारात्मक लोगों के साथ रहता हूं जो मुझे किसी भी स्तर पर क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करते रहें फिर चाहे वह- घरेलू हो, भारत ए या फिर आईपीएल। मैं बस खेलना चाहता हूं।
लोग जब तेज गेंदबाजों के बारे में बात करते हैं तो अच्छा लगता है। पहले जब हम घरेलू मैदानों पर खेलते थे तो केवल स्पिनर्स की बात करते थे। लोग यही अंदाजा लगाते थे कि पिच जल्द ही टर्न होने लग जाएगी। तेज गेंदबाज सिर्फ नई गेंद से बोलिंग करते थे और उन्हें दोबारा आक्रमण पर तभी लगाया जाता था जब गेंद रिवर्स स्विंग होने लगती थी। हमारा काम स्पिनर्स के लिए गेंद को पुराना करना होता था। कई बार स्पिनर्स नई गेंद से गेंदबाजी आक्रमण की शुरुआत भी करते थे। यह देखकर अच्छा लगता है कि अब हमें ऐसे गेंदबाजों के रूप में देखा जाता है जो सारा दिन बोलिंग कर सकते हैं। जब तेज गेंदबाजों की यह पीढ़ी एक साथ आई तो हम सभी पांच गेंदबाजों ने तय कि हम सिर्फ स्पिनर्स के लिए गेंद तैयार नहीं करेंगे। हम विकेटों के बारे में सोचने लगे। इससे हमें नई गेंद मिलना तय हुआ।