कमलनाथ सरकार ने पंचायत चुनावों की आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक, गौरी सिंह से वापस लिया विभाग

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भोपाल. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आईएएस गौरी सिंह से पंचायत विभाग की जिम्मेदारी वापस लेते हुए उन्हें प्रशासन अकादमी में महानिदेशक बनाया है. इसके अलावा कांग्रेस सरकार में लंबे समय से अध्यात्म और पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस मनोज श्रीवास्तव को पंचायत विभाग की जिम्मेदारी देकर उनका कद बढ़ाया गया है. वहीं राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के आरक्षण की प्रक्रिया पर रोक लगा कर साफ किया है कि नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने पर सरकार पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी और दोबारा आरक्षण कार्यक्रम जारी करेगी. हालांकि यह कार्यक्रम कब जारी होगा, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है.

सीएम की जानकारी के बिना जारी की थी पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया

एक दिन पहले जारी कार्यक्रम के अनुसार, 4 दिसंबर से पंचायत के वार्ड, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत क्षेत्र के लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन विभाग ने आरक्षण कार्यक्रम जारी करने से पहले विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल और सीएम को इसकी जानकारी नहीं दी. जैसे ही मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा उन्होंने एक्शन लेते हुए गौरी सिंह से भारी भरकम विभाग वापस लेते हुए उन्हें महानिदेशक प्रशासन अकादमी बना दिया.

मार्च 2020 में खत्म हो रहा है पंचायतों का कार्यकाल

दरअसल त्रि-स्तरीय पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2020 में खत्म हो रहा है. इसे देखते हुए सरकार ने चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन इस मामले में जल्दबाजी दिखाते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने एक दिन पहले ही पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण कार्यक्रम घोषित कर दिया था, जिसे सरकार ने रोक दिया है. इसे लेकर विभाग ने सभी कलेक्टरों को आदेश भी जारी कर दिए हैं.