मंदसौर फायरिंग मामला: कांग्रेस नेता शकुंतला खटिक समेत सात को तीन साल कैद की सजा

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मंदसौर. मध्य प्रदेश के मंदसौर (Mandsaur) में प्रदर्शनकारी किसानों पर गोलीबारी की घटना में एक बड़ी खबर सामने आई है. स्‍थानीय अदालत ने इस मामले में कांग्रेस नेता और करेरा की पूर्व विधायक शकुंतला खटिक (Shakuntala Khatik) को तीन साल कैद और 5000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने शनिवार को दिए फैसले में शकुंतला खटिक के अलावा छह अन्‍य दोषियों के खिलाफ भी यही सजा सुनाई है. मालूम हो कि वर्ष 2017 में किसानों के प्रदर्शन के दौरान खटिक ने थाने में आग लगाने की धमकी दी थी.
फायरिंग में मारे गए थे छह किसान
दो साल पहले मंदसौर में किसान आंदोलन चल रहा था. जगह-जगह हाईवे पर ट्रक के साथ सरकारी और निजी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा था. किसान अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे. दूध सड़कों पर बहाया जा रहा था. फल और सब्जियां जगह-जगह सड़कों पर फेंके जा रहे थे. किसान अपने खेत छोड़कर सड़कों पर आ गए थे. उसी दौरान पुलिस और किसान आमने-सामने हो गए. दोनों ओर से टकराहट बढ़ गई. मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी बही चौपाटी पर पुलिस ने फायरिंग कर दी. उसमें 5 किसानों की मौत हो गई. बाद में पुलिस पिटाई में घायल एक और किसान ने दम तोड़ दिया.

भयावह यादें
6 किसानों की मौत के अलावा इस आंदोलन में करोड़ों रुपए की सार्वजनिक संपत्ति का भी नुक़सान हुआ. कई दुकानें जला दी गईं. कई ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया. किसान इस हद तक उग्र हो गए थे कि उन्होंने कलेक्टर को घेर लिया और उनकी भी जान पर बन आई थी. आंदोलन के बाद सियासत गरमा गई. उस वक्त मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी. किसानों की हत्या का आरोप भी शिवराज सिंह चौहान सरकार पर लगाए गए.