अमित शाह बोले- विदेश दौरों के समय होटल में ठहरने के बजाय एयरपोर्ट पर ही रुकते हैं पीएम मोदी

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नई दिल्ली । देश के गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों पर होने वाले खर्च को लेकर उठे सवाल पर कहा कि मोदी विदेश यात्रा के दौरान भी कोशिश करते हैं कि किसी तरह खर्चों में कटौती की जा सके। बुधवार को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं में हॉल्ट के दौरान फाइव स्टार होटल में रात गुजारने के बजाय एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर ही आराम या नहाने आदि का विकल्प चुनते हैं। शाह ने कहा 'अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में पीएम मोदी ने एक बहुत ही अनुशासित व्यवस्था का पालन किया है। उदाहरण के लिए जब भी पीएम मोदी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो वह अपने साथ 20 फीसदी तक कम स्टाफ साथ ले जाते हैं।  इसी तरह आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बड़ी संख्या में कारों के इस्तेमाल पर भी उन्होंने लगाम लगाई है। पहले अधिकारी अलग-अलग कारों में जाते थे लेकिन अब वे बस या किसी बड़े वाहन में एक साथ जाते हैं।'
एसपीजी संशोधन विधेयक 2019 पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि गांधी परिवार ने एसपीजी सुरक्षा के मानदंडों का कई बार उल्लंघन किया, जबकि पिछले 20 सालों से जब से पीएम मोदी को सुरक्षा  मिले है तब से उन्होंने एक भी बार इसका उल्लंघन नहीं किया। शाह ने कहा कि पिछले पांच सालों के दौरान राहुल गांधी ने दिल्ली से बाहर के 247 दौरों के लिए एसपीजी को सूचित नहीं किया। सरकार द्वारा दी गई उच्चतम सुरक्षा से समझौता करने पर शाह ने खुलासा किया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी 1991 के बाद से 99 विदेश दौरों पर गई, उन्होंने इस तरह के 78 यात्राओं पर एसपीजी की सुरक्षा की मांग नहीं की। इसी तरह से उन्होंने 2015 के बाद से 349 अवसरों पर एसपीजी मानकों का उल्लंघन किया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर गृह मंत्री ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ने 600 बार एसपीजी अधिकारियों को अपने दौरे के बारे में सूचित नहीं किया।  वहीं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सवाल उठाया कि 2017 में गुजरात में सीप्लेन की सवारी के दौरान पीएम मोदी ने एसपीजी ब्लू बुक का उल्लंघन किया था। तो अमित शाह ने इसे गलत ठहराते हुए बताया कि एसपीजी ने अच्छी तरह से सीप्लेन की चेकिंग की थी और एसपीजी कर्मी को सीप्लेन अंदर भी तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देना था। ये कोई व्यक्तिगत मजे के लिए की गई सवारी नहीं थी।