डेप्युटी सीएम अजित पवार ने भी अपना इस्तीफा दिया
मुंबई । महाराष्ट्र में मंगलवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट के बुधवार को बहुमत साबित करने के फैसले के बाद दोपहर होते-होते महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के महज 3 दिन बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही बुधवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था,लेकिन उन्होंने उसका इंतजार किए बिना ही इस्तीफा दे दिया है। देवेंद्र फडणवीस के पहले डेप्युटी सीएम अजित पवार ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि फडणवीस और अजित पवार को यह लग रहा था कि वे फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और इसके चलते दोनों ने पद से इस्तफा दे दिया। इस्तीफे की घोषणा करने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने सूबे में अस्थिरता का शिवसेना पर ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल किया था, लेकिन हमें जनता ने 105 सीटें देकर ज्यादा समर्थन दिया।लेकिन, शिवसेना ने यह देखकर की उसके बगैर सरकार नहीं बन सकती है तब वह सीएम की मांग पर अड़ गई, जबकि ऐसी कोई तय नहीं हुई थी। शिवसेना ने सरकार गठन के लिए हमसे बात करने की बजाय एनसीपी से बात की। यहीं नहीं इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर तंज करते हुए कहा कि जिनके बारे में हमने सुना था कि वे मातोश्री से बाहर नहीं निकले, वे निकल-निकलकर तमाम लोगों से मिल रहे थे।
इसके पहले शनिवार की सुबह दोनों नेताओं ने सभी को चौंकाते हुए सीएम और डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी। तब देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार ने एनसीपी विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और उनके पास बहुमत है। हालांकि कुछ देर बाद ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है और पार्टी इससे सहमत नहीं है। यहीं नहीं अगले कुछ घंटों बाद ही शरद पवार ने शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने पास नंबर होने का दावा किया। शनिवार शाम तक ही शरद पवार ने उन करीब एक दर्जन विधायकों में से आधे लोगों को अपने गुट में बुला लिया था। यही नहीं सोमवार को शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी ने जब मुंबई के एक होटल में 162 विधायकों की परेड हुईं तब अजित पवार को छोड़कर एनसीपी के सभी विधायक मौजूद थे।
तब से ही माना जा रहा था कि अब देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के लिए बहुमत साबित बेहद कठिन होगा। दोनों नेताओं की मुश्किलों में आखिरी कील ठोंकने का काम सुप्रीम कोर्ट ने किया, जब उसने बुधवार को ही फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया। शीर्ष अदालत के फैसले के कुछ देर बाद ही अजित पवार ने सीएम को इस्तीफा दे दिया है और फिर देवेंद्र फडणवीस ने भी पद त्याग दिया। इस तरह महाराष्ट्र में शनिवार से शुरू हुए नाटकीय घटनाक्रम का इस्तीफों के साथ पटाक्षेप हो गया। अजित पवार ने भले ही शनिवार को डेप्युटी सीएम की शपथ लेकर झटका दिया था, लेकिन शरद पवार और परिवार के अन्य लोग उनसे लगातार वापसी की अपील करते रहे। एक तरफ शरद पवार अपने विधायकों को एकजुट कर रहे थे तो दूसरी तरफ अजित पवार से मिलने के लिए दूत भी भेज रहे थे। कहा जा रहा है कि मंगलवार को शरद पवार की पत्नी और सुप्रिया सुले के पति सदानंद ने अजित पवार से बात की और उन्हें वापसी के लिए राजी किया।