अटारी बॉर्डर से 532 किलो हेरोइन मामले में आरोपी अजय गुप्ता को NIA कोर्ट ने दी जमानत

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चंडीगढ़: अटारी बार्डर पर 532 किलो हेरोइन मिलने के मामले में आरोपी अजय गुप्ता को मोहाली की एनआईए कोर्ट ने ज़मानत दे दी है. हालांकि एनआईए ने कोर्ट में ज़मानत का पुरज़ोर विरोध किया और बताया कि अजय गुप्ता को ज़मानत देने से जांच प्रभावित होगी. क्योंकि फिलहाल मामले की जांच चल रही हैऔर आरोपियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है. एनआईए के सीनियर प्रोसेक्यूटर सुरेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि जिन ग्राऊंड पर अजय गुप्ता ज़मानत मांग रहें है उन दस्तावेज़ो को वेरीफाई किया गया है और वो दस्तावेज फर्ज़ी है लेकिन मोहाली की एनआईए कोर्ट के जज एन एस गिल ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अजय गुप्ता को ज़मानत दे दी.

अजय गुप्ता मामले में पहला ऐसा आरोपी है जिसको मोहाली की एनआईए कोर्ट ने ज़मानत दी है हालांकि अन्य आरोयी संदीप की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी. एनआईए के सीनियर प्रॉसिक्यूटर सुरेंद्र ने ज़ी मीडिया को बताया कि वो अजय गुप्ता की ज़मानत को उच्च न्यायलय में चुनौती देंगें. उन्होंने बताया कि मामले में मुख्य आरोपी गुरपिंदर जिसकी संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी उसने अजय गुप्ता को 41 बार फोन किया था. 

बता दें मामले में आरोपी अजय गुप्ता सीए हैं. अजय गुप्ता की तरफ से अदालत में जमानत याचिका लगाई गई थी. इस पर अदालत ने गुप्ता को नमक मंगवाने व उसकी पेमेंट संबंधी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा था. एक सुनवाई के दौरान अजय गुप्ता के वकील ने पाकिस्तान की दो कंपनियों को नमक की पेमेंट करने संबंधी दस्तावेज पेश किए.

गुप्ता के वकील एएस लोंगिया ने कोर्ट को बताया कि यह पेमेंट अगस्त 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक की गई. गुप्ता की बैंक स्टेटमेंट के मुताबिक पाकिस्तान की दो कंपनियों को यूएस डॉलर में भुगतान हुआ है. इस दौरान 2070, 1800, 2700 व 5400 यूएस डॉलर का भुगतान किया गया.

जिन कंपनियों को भुगतान किया गया, वे दोनों लाहौर की हैं. इनमें एमैक्स जनरल ट्रेडिंग व ग्लोबल विजिन इंपैक्स कंपनी शामिल है. हालांकि एनआईए ने गुप्ता की तरफ से जमा करवाए दस्तावेजों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि गुप्ता के वकील ने जो दस्तावेज दिखाए हैं, उन दोनों शेल कंपनियों को पाकिस्तान की सरकारी एजेंसी आईएसआई चलाती है जो भारत में कारोबार की आड़ में ड्रग्स भेजती थी. एनआईए ने बताया कि उन्होंने इस संबंधी ऑनलाइन सर्च की है जिसमें कई अहम चीजें सामने आई हैं.

एनआईए ने ट्रांजैक्शन और अजय गुप्ता द्वारा दिए डाक्यूमेंट्स को फर्जी बताया. उन्होंने कहा कुछ किलोग्राम ड्रग्स मिलने पर एनडीपीएस केस में आरोपी को जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ता है लेकिन 532 kg नशे के मामले में आरोपी को कोर्ट ने जमानत दे दी. जिसको वो उच्च न्यायालय में चुनौती देंगें.

गौरतलब है अजय गुप्ता को 532 किलो हेरोइन मामलें में जुलाई में गिर्फतार किया गया था  फिलहाल अजय गुप्ता अमृतसर जेल में बंद है. एनआईए के मुताबिक वह पाकिस्तान से आने वाली ड्रग रिसीव करता था. वहीं, वह केस के मुख्य आरोपी तारिक लोन के संपर्क में था.

बता दें कस्टम विभाग ने अमृतसर वाघा बार्डर के जरिये अफगानिस्तान से नमक की बोरियों में छिपाकर भेजी गई 532 किलो संदिग्ध हेरोइन और 52 किलो संदिग्ध मिश्रित नारकोटिक्स जब्त किया था. नमक की यह कन्साइनमेंट अमृतसर के एक व्यापारी ने मंगवाई थी. मामले में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया था जबिक बाकी आरोपीयों को बाद में गिरफतार किया.

इंटरनेशनल मार्केट में पकड़ी हेरोइन की कीमत 2700 करोड़ रुपए है. यह खेप आज तक देश में पकड़ी गई हेरोइन की तमाम खेप में से सबसे बड़ी है. औऱ अजय गुप्ता इस बड़े मामले में आरोपी है.