भोपाल सीएम कमलनाथ के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बधाई और शुभकामना संदेश देता एक विज्ञापन में छपवाया है. लेकिन ये बधाई संदेश कम, आलोचना संदेश ज़्यादा लग रहा है. इस विज्ञापन में सीएम कमलनाथ की उपलब्धियां गिनाने के बजाए कुछ ऐसी बातें लिखी हैं कि कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में सीएम कमलनाथ के जन्मदिन पर पीसीसी की ओर से जारी विज्ञापन पर विवाद खड़ा हो गया है. इस विज्ञापन में बजाए सीएम कमलनाथ की उपलब्धियां गिनाने के उनके जीवन से जुड़े ऐसे प्रसंग प्रकाशित किए हैं कि पढ़ने वाला भी एक बारगी गफ़लत में पड़ जाता है कि ये तारीफ है या आलोचना.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी विज्ञापन में सीएम कमलनाथ को खास बनाने वाली 9 बातों का उल्लेख किया गया है.इनमें सवाल खड़े करने वाले पहलू ये हैं जिसमें ज़िक्र है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का सामना करना पड़ा था. उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी. उसके बाद आपातकाल का ज़िक्र है. विज्ञापन कहता है कि आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था. तब इंदिरा, संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं. कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ पड़े और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया. वहां वो संजय गांधी के साथ ही रहे.
सीएम बनने में क्यों हुई देर
विज्ञापन में आगे ज़िक्र है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस का एक लोकप्रिय चेहरा हैं. उन्होंने ज्योतिरादित्य और दिग्विजय के साथ मिलकर शिवराज सिंह के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना तोड़ दिया.1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी. बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था. इस तरह कमलनाथ उस समय सीएम बनने से चूक गए थे. अब 25 साल बाद दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला.
ये विज्ञापन छपते ही कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा एजेंसी के ज़रिए ये विज्ञापन छपवाया गया है. लिहाजा इसकी जांच की जाएगी कि किस स्तर पर ये चूक हुई. बीजेपी को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है. पूर्व जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मानें तो ये कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ का नतीजा है. अब ये पता करना होगा कि ये विज्ञापन किस कांग्रेस ने छपवाया है. प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पारासर ने कहा है कि विज्ञापन में इंदिरा, संजय गांधी जैसे कांग्रेस नेताओं के नाम भी ऐसी भाषा में लिखे गए हैं मानो कि वो साधारण लोग हों.