निर्मोही अखाड़ा ने राम मंदिर ट्रस्ट में 5 सदस्यों को शामिल करने की उठाई मांग, PM मोदी से मिलेंगे 15 संत

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ग्वालियर. अयोध्‍या मामले (Ayodhya case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद राम मंदिर ट्रस्ट के गठन को लेकर अब कवायद तेज हो गई है. राम मंदिर (Ram Temple) के प्रमुख पक्ष निर्मोही अखाड़ा (Nirmohi Akhara) ने मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट में समुचित प्रतिनिधित्व देने के साथ ही रामलला की पूजा के अधिकार दिए जाने की मांग उठाई है. अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा की बैठक में संतों ने ये निर्णय लिया है. जबकि अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा की बैठक में ग्वालियर की गंगादास की शाला के महंत बाबा रामसेवकदास जी महाराज (Mahant Baba Ramsevakdas Ji Maharaj) भी शामिल हुए थे. उन्‍होंने आज न्‍यूज़ 18 से बातचीत के दौरान राम मंदिर के ट्रस्‍ट में निर्मोही अखाड़ा की सहभागिता और पीएम मोदी मिलने के बात कही है.
संतों की 20 नवंबर को पीएम मोदी से होगी मुलाकात
बैठक में निर्मोही अखाड़ा के महंत बाबा रामसेवकदास जी महाराज ने राम मंदिर ट्रस्ट में अध्यक्ष और महासचिव पद देने की भी की मांग उठाई है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 नवम्बर को मुलाकात होने की संभावना है. इस दौरान अखाड़ा का 15 सदस्यीय दल पीएम से मुलाकात कर अपनी मांग उठाएगा.
आपको बता दें कि अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा की बैठक में ग्वालियर की गंगादास की शाला के महंत बाबा रामसेवकदास जी महाराज भी शामिल हुए थे. ग्वालियर की श्री गंगादास की शाला निर्मोही अखाड़े की मुख्य द्वाराचार्य पीठ है. इसके महंत अखाड़ा के मुख्य पंचों में शामिल हैं.
निर्मोही अखाड़ा के महंत बाबा रामसेवकदास जी महाराज.
अध्यक्ष-महासचिव सहित पांच संतों का प्रतिनिधित्व मांगा
एक तरफ जहां राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अयोध्या के संतों महंतों में घमासान मचा हुआ है तो वहीं निर्मोही अखाड़ा बिल्कुल अलग होकर राम मंदिर ट्रस्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शामिल हो रहा है. हालांकि वह ट्रस्‍ट में अपने पांच सदस्‍य चाहता है. जबकि 17 नवंबर को निर्मोही अखाड़ा ने अपने पंचों की बैठक कर पुनर्विचार याचिका न दायर करने का फैसला किया था.